बीबीसी पत्रकार को मिली राहत, हाईकोर्ट ने पासपोर्ट एनओसी रोकने पर लगाई फटकार
मस्जिद विध्वंस पर रिपोर्टिंग करने वाले बीबीसी पत्रकार मोहम्मद सेराज अली को पासपोर्ट एनओसी न दिए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन मानते हुए पासपोर्ट आवेदन पर प्रक्रिया अनुसार निर्णय देने का निर्देश दिया।

प्रयागराज : मस्जिद विध्वंस प्रकरण पर रिपोर्टिंग के बाद पासपोर्ट एनओसी (No Objection Certificate) से वंचित किए गए बीबीसी पत्रकार मोहम्मद सेराज अली को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने पासपोर्ट एनओसी न दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पत्रकार के पक्ष में फैसला सुनाया है।
बता दें कि पत्रकार मोहम्मद सेराज अली की रिपोर्ट उस समय प्रकाशित हुई थी जब वे समाचार पोर्टल 'द वायर' में कार्यरत थे। इस रिपोर्टिंग को लेकर उन्हें प्रशासनिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा और पासपोर्ट के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने से इनकार कर दिया गया था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि स्वतंत्र पत्रकारिता लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा है और रिपोर्टिंग को आधार बनाकर पासपोर्ट जैसी सुविधाओं से वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया कि वे तय प्रक्रिया के तहत मोहम्मद सेराज अली के पासपोर्ट आवेदन पर विचार करें।
यह मामला पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सरकारी एजेंसियों द्वारा पत्रकारों पर दबाव बनाने के प्रयासों के संदर्भ में मूलभूत अधिकारों के हनन से जुड़ा हुआ है।
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