पटना हाई कोर्ट ने सासाराम में सर्विस रिवॉल्वर से एक व्यक्ति की हत्या और चार लोगों को घायल करने के मामले में आरोपी पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी में देरी पर कड़ा रोष जताया है। कोर्ट ने साफ कहा कि "पुलिस के लिए देश का कानून अलग नहीं है" और राज्य के डीजीपी को तत्काल कार्रवाई कर आरोपी डीएसपी आदिल बिलाल की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर गिरफ्तारी और इस दिशा में की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया।
न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने राणा राहुल रंजन की आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजय सिंह ने कोर्ट को बताया कि यह घटना 27 दिसंबर 2024 को रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम के टाउन थाना क्षेत्र में हुई। उस दिन सुधीर, अतुल, विकास, अनिकेत, विनोद और राणा ओम प्रकाश अपने दोस्त शिवम की जन्मदिन पार्टी मना रहे थे। इसी दौरान सासाराम के तत्कालीन ट्रैफिक डीएसपी आदिल बिलाल और उनके बॉडीगार्ड चंद्रमौली नागिया का युवकों के साथ विवाद हो गया। विवाद बढ़ने पर डीएसपी और उनके गार्ड ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें ओम प्रकाश की मौत हो गई और चार अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गए।
अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह हत्याकांड सार्वजनिक स्थान पर हुआ और अगले दिन टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। हालांकि, चार महीने बीत जाने के बावजूद न तो जांच में प्रगति हुई और न ही आरोपी पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है।
वहीं, सरकार की ओर से कोर्ट को सूचित किया गया कि मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया है। लेकिन कोर्ट ने जांच की धीमी गति और गिरफ्तारी में देरी पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने डीजीपी को त्वरित कार्रवाई के लिए निर्देशित करते हुए एक सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 5 मई 2025 को होगी।