जो जीवन की धूल चाटकर बड़ा हुआ है | केदार नाथ अग्रवाल

स्वराज पाण्डेय

Mar 27, 2025 - 08:14
Mar 27, 2025 - 20:53
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जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है
तूफ़ानों से लड़ा और फिर खड़ा हुआ है

जिसने सोने को खोदा लोहा मोड़ा है
जो रवि के रथ का घोड़ा है

वह जन मारे नहीं मरेगा
नहीं मरेगा

जो जीवन की आग जला कर आग बना है
फ़ौलादी पंजे फैलाए नाग बना है

जिसने शोषण को तोड़ा शासन मोड़ा है
जो युग के रथ का घोड़ा है

वह जन मारे नहीं मरेगा
नहीं मरेगा

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सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I