शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत, पुलिस सुरक्षा का आदेश
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को 5 जून 2025 को कलकत्ता हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत प्रदान की। उन्हें 30 मई को एक इंस्टाग्राम वीडियो में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने उन्हें ₹10,000 के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया और निर्देश दिया कि यदि उन्हें धमकियाँ मिलती हैं तो स्थानीय पुलिस उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगी।

शर्मिष्ठा पनोली, जो एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कानून की छात्रा हैं, को 30 मई 2025 को कोलकाता पुलिस ने एक इंस्टाग्राम वीडियो में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस वीडियो में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी की थी, जिससे सोशल मीडिया पर व्यापक विवाद उत्पन्न हुआ।
कोर्ट ने 3 जून को उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ का अर्थ यह नहीं है कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जाए। हालांकि, 5 जून को कोर्ट ने उन्हें ₹10,000 के मुचलके पर अंतरिम जमानत प्रदान की। साथ ही, कोर्ट ने आदेश दिया कि यदि उन्हें धमकियाँ मिलती हैं तो स्थानीय पुलिस उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगी।
इस मामले ने सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक सहिष्णुता के बीच संतुलन को लेकर व्यापक बहस छेड़ दी है। कई लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं, जबकि अन्य इसे धार्मिक भावनाओं की रक्षा के रूप में देखते हैं।
मुख्य तथ्य
गिरफ्तारी का कारण: शर्मिष्ठा पनोली ने सोशल मीडिया पर 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बॉलीवुड की चुप्पी को लेकर वीडियो पोस्ट किया, जिसमें कथित तौर पर साम्प्रदायिक टिप्पणी थी।
एफआईआर और गिरफ्तारी: 15 मई को गार्डनरीच थाने में शिकायत दर्ज हुई। 30 मई की रात को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर कोलकाता लाया गया।
जमानत प्रक्रिया: 3 जून को जमानत याचिका खारिज हुई, 5 जून को हाई कोर्ट ने 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी।
कोर्ट की शर्तें: विदेश जाने के लिए सीजेएम की अनुमति आवश्यक, पासपोर्ट जमा करना होगा, पुलिस सुरक्षा भी दी जाएगी।
माफी और वीडियो हटाया: आलोचना के बाद वीडियो हटाया और सार्वजनिक माफी माँगी, लेकिन गिरफ्तारी से नहीं बच सकीं।
कानूनी धाराएँ: विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने, धार्मिक भावनाएं आहत करने, शांति भंग करने के आरोप में केस दर्ज।
समर्थन और विवाद: गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर बहस, राजनीतिक दलों और वकीलों का समर्थन, न्यायिक प्रक्रिया पर भी चर्चा।
What's Your Reaction?






