राज्य सूचना आयोग पर गंभीर सवाल: मुख्य सूचना आयुक्त राजकुमार विश्वकर्मा पर अवैधानिक निस्तारण का आरोप

प्रयागराज निवासी सुशील कुमार पांडेय ने आरोप लगाया है कि राज्य मुख्य सूचना आयुक्त राजकुमार विश्वकर्मा ने उनकी 46 बिंदुओं वाली RTI को अवैधानिक रूप से निस्तारित कर दिया। पांडेय ने राष्ट्रपति महोदय, प्रधानमंत्री, राज्यपाल उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई और पूरी सूचना उपलब्ध कराने की माँग की है।

Sep 30, 2025 - 20:55
Sep 30, 2025 - 20:58
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राज्य सूचना आयोग पर गंभीर सवाल: मुख्य सूचना आयुक्त राजकुमार विश्वकर्मा पर अवैधानिक निस्तारण का आरोप
उत्तर प्रदेश राज्य मुख्य सूचना आयुक्त राजकुमार विश्वकर्मा

30 नवंबर 2024 को दायर आरटीआई आवेदन में उन्होंने 46 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी, जिसमें पुलिस कार्रवाई, झूठे मुकदमों की प्रतियां, सीसीटीवी फुटेज और संबंधित अभिलेख शामिल थे। चूँकि यह मामला सीधे उनके जीवन और सुरक्षा से जुड़ा था, इसलिए सूचना 48 घंटे में मिलनी चाहिए थी (RTI Act, Section 7(1)).

लेकिन संबंधित जनसूचना अधिकारी (PIO) सहायक पुलिस आयुक्त हंडिया सुनील कुमार सिंह ने टालमटोल वाले और अपूर्ण उत्तर दिए। कई बिंदुओं पर तो ‘सूचना अन्य कार्यालय से अपेक्षित है' या 'धारा 8(h)/8(j) के तहत वर्जित’ लिखकर टाल दिया गया।

जब पांडेय ने राज्य सूचना आयोग में अपील की तो मुख्य सूचना आयुक्त राजकुमार विश्वकर्मा ने 27 मार्च 2025 को आदेश देते हुए कहा, “संशोधित सूचना उपलब्ध करा दी गई है” और मामला निस्तारित कर दिया। जबकि वास्तविकता यह थी कि सूचना न अपूर्णता से मुक्त थी, न ही धारा 19(5) के तहत उचित ठहराई गई।

इस कार्रवाई को पांडेय ने ‘गंभीर न्यायिक चूक’ बताया है और हाईकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में रिट ऑफ़ सर्टिओरारी/मैंडेमस की याचिका दाखिल करने की बात कही है। जिसमें वे आयोग के आदेश को निरस्त करने, सभी 46 बिंदुओं पर प्रमाणित सूचना उपलब्ध कराने और दोषी पीआईओ पर धारा 20 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की माँग भी करेंगे। अभी पाण्डेय ने इसकी शिकायत राष्ट्रपति, राज्यपाल उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से की है। 

यह मामला राज्य सूचना आयोग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर बड़े सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट इस पर सख्त रुख अपनाएगा तो यह पूरे देश में सूचना के अधिकार (RTI) के अनुपालन की दिशा में एक मिसाल साबित हो सकता है।

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