प्रयागराज में पूर्व पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप, पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा

प्रयागराज के हंडिया क्षेत्र में पूर्व पुलिस अधिकारियों पर आरोपियों से सांठगांठ कर एक निर्दोष परिवार को झूठे मुकदमों में फँसाने, अपहरण, लूट, और जेल भेजने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। मामला 26 अगस्त 2024 की एक संदिग्ध मृत्यु से शुरू होकर पीड़ितों के पलायन और 30 से अधिक जानलेवा हमलों तक पहुंच चुका है। इसके बावजूद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है। यह मामला यूपी की कानून व्यवस्था और मानवाधिकारों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

May 29, 2025 - 13:56
May 29, 2025 - 14:50
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प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें पूर्व पुलिस अधिकारियों पर आरोपियों से मिलीभगत कर एक पीड़ित परिवार पर अत्याचार करने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला कानून-व्यवस्था और मानवाधिकारों की स्थिति पर गहरे सवाल खड़े करता है।

ये अधिकारी 23 अक्तूबर 2023 से आरोपियों के साथ कूटरचना कर प्रयागराज के हंडिया थानान्तर्गत गाँव जराँव के पीड़ित परिवार पर ही अत्याचार का सिलसिला शुरू कर 26 अगस्त 2024 को पीड़ित के चाचा की मौत तक उसे जारी रखते हैं, जिसके बाद हंडिया थाने के तत्कालीन प्रभारी ब्रज किशोर गौतम द्वारा कथित रूप से पीड़ित परिवार का अपहरण कर लिया गया। थाना प्रभारी ब्रज किशोर गौतम  ने पीड़ित सुशील पाण्डेय के ईलाज के लिए स्वरूपरानी अस्पताल ले गए 2 लाख रुपये की लूट करवाते हैं और उन्हें झूठे मुकदमों में फँसाकर उनके साथ अन्य 6 लोगों को 31 दिनों के लिए जेल भेज देते हैं। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई पूर्व अधिकारियों द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा थी।

इतना ही नहीं, पिछले 9 महीनों से पीड़ित परिवार यूपी से विस्थापित होकर बंगाल में शरण लेने को मजबूर है, लेकिन अब तक उनकी पुकार अनसुनी रही है।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि 23 अक्तूबर 2023 से अब तक पीड़ित परिवार पर 30 से अधिक  हमले हो चुके हैं, लेकिन आरोपी पर NBW होते हुए वह खुलेआम घूम-घूम कर जान से पीड़ित परिवार को मारने की धमकी दे रहे हैं और पुलिस-प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह भी आरोप है कि जमानत पर बाहर चल रहा आरोपी सुमित पाण्डेय पीड़ित परिवार के  एक 4 माह की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या की धमकी दिया है। पीड़ित सुशील बताते हैं कि पूर्व थाना प्रभारी ब्रज किशोर गौतम ने उन्हें जेल भेजते हुए कहा था कि "मैं यहाँ से जाऊँगा तो कोई मेरा भाई ही आएगा, हम तुम्हारी गांधीवादिता तुम्हारे गां$$ में डाल देंगे, तुम्हारे परिवार को इतना प्रताड़ित करेंगे कि तुम्हें अपराधी बनना ही पड़ेगा।"  

बावजूद इसके, ‘कहीं न्याय नहीं!’ की स्थिति बनी हुई है।

यह मामला यह दर्शाता है कि जब कानून की रक्षा करने वाले ही कानून तोड़ने लगें, तो आम जनता कहां जाएगी?

सरकार और मानवाधिकार संगठनों को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेना चाहिए, ताकि दोषियों को सजा और पीड़ितों को न्याय मिल सके।

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