सहारनपुर: पूर्व इंस्पेक्टर प्रेमवीर राणा के ठिकानों पर विजिलेंस का छापा, ₹14.38Cr का खुलासा
मेरठ विजिलेंस ने सहारनपुर में रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रेमवीर राणा के घरों व फार्महाउस पर छापेमारी की; रिपोर्ट्स में ₹14.38 करोड़ से अधिक की संपत्ति, 23 प्लॉट के बैनामे, 12 बैंक खाते व दो गाड़ियाँ मिलीं,जाँच जारी। पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट...
प्रमुख बिंदु
मेरठ विजिलेंस टीम ने शनिवार सुबह सहारनपुर में सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर प्रेमवीर (प्रेमवीर सिंह) राणा के कई ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी कर दस्तावेज़, बैंक खाते व चल-अचल संपत्ति बरामद की। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार छापेमारी में करीब ₹14.38 करोड़ (अलग-अलग स्रोतों के अनुसार ₹10.5–14.38 करोड़ के भीतर) की संपत्ति का विवरण मिला, जिसमें शेखपुरा के फार्महाउस, तीन मकान, बाज़ी के 23 प्लॉटों के बैनामे, दो गाड़ियाँ, 12 बैंक खाते और लाखों रुपये के आभूषण, दस्तावेज़ शामिल हैं। प्राथमिकी भ्रष्टाचार निवारण/आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपों में दर्ज की गई है; जाँच जारी है।
क्या कार्रवाई हुई?
मेरठ सेक्टर विजिलेंस की टीम ने सहारनपुर में रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रेमवीर राणा के सात (कुछ रिपोर्टों में पाँच) ठिकानों पर छापेमारी की, ब्रिजेश नगर के आवास और शेखपुरा/शेखपुरा कदीम गाँव में फार्महाउस व संबंधित संपत्तियाँ प्रमुख थे। कार्रवाई में दस्तावेज़, बैनामे (प्लॉट्स के कागजात), बैंक अकाउंट-रिकॉर्ड और कई चल-अचल संपत्ति के सबूत जुटाए गए। टीमें मौके पर निरीक्षण, वैल्युएशन और गवाह-विवेचना कर रही थीं।
क्या मिला?
कुल संपत्ति का प्रारम्भिक अनुमान: ₹14.38 करोड़ (कुछ रिपोर्टें फार्महाउस की अलग दर से ₹10.5 करोड़ का आंकड़ा भी देती हैं)।
प्रमुख बरामदियाँ: एक महंगा फार्महाउस (शेखपुरा) रिपोर्टों में लगभग ₹10–10.5 करोड़ का अनुमान; तीन मकान जिनकी अलग-अलग करंट कीमतें (उदा. ₹1.5Cr, ₹1.2Cr, ₹0.8Cr) का हवाला है; 23 प्लॉटों के बैनामे; दो गाड़ियाँ स्कॉर्पियो, डीज़ायर आदि का जिक्र।
बैंक रिकॉर्ड/खाते: 12 बैंक खाते व कई जीवन बीमा/पॉलिसियाँ जप्त होने का उल्लेख।
कानूनी स्थिति
रिपोर्टों के अनुसार कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम/आय से अधिक संपत्ति (disproportionate assets) के आरोपों पर हो रही है और संबंधित FIR दर्ज किया गया है; विजिलेंस टीमों द्वारा आगे औपचारिक चार्जशीट व जाँच की प्रक्रिया जारी है।
आरोपों का इतिहास और स्थानीय प्रभाव
रिपोर्टों में उल्लेख है कि प्रेमवीर राणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप पहले से दर्ज थे और यह मामला शासन/विभागीय अवलोकन के बाद सक्रिय हुआ। पुरानी शिकायतों व स्थानीय चर्चाओं का भी हवाला मिलता है। स्थानीय स्तर पर छापेमारी से परिवार व मोहल्ले में हड़कम्प मचा; कार्रवाई के बाद टीमों ने कई घंटों तक दस्तावेज़ों की पड़ताल की।
जाँच में उपयोग की गई प्रक्रियाएँ और पारदर्शिता
रिपोर्टों में बताया गया कि मेरठ विजिलेंस ने वैल्युएर, स्वतंत्र साक्षियों और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की। वैल्यूएशन और दस्तावेजीकरण किए गए; टीमों ने घरों व फार्महाउस से फोटो/दस्तावेज व अन्य प्रमाण जुटाए। विजिलेंस का स्वयं का बयान/आधिकारिक प्रेस नोट उपलब्ध होने पर आगे रिपोर्ट अपडेट कर दी जाएगी।
क्या कहा गया
अभी तक उपलब्ध रिपोर्टों में विजिलेंस/पुलिस का औपचारिक विस्तृत प्रेस-नोट प्रकाशित नहीं दिखता, अधिकांश विवरण छापेदार टीमों के मुआयने व स्थानीय संवाददाताओं के आधार पर हैं। इसलिए कार्यवाही के कानूनी पहलुओं/फैसलों के लिए विजिलेंस/प्रोसीक्यूशन की आधिकारिक प्रवक्ता टिप्पणी का इंतज़ार आवश्यक होगा।
वर्तमान छापेमारी ने पहले से मौजूद आरोपों को पुष्ट करने वाले दस्तावेज़ और संपत्ति रिकॉर्ड उजागर किए हैं; पर यह प्रारम्भिक जाँच है। आय से अधिक संपत्ति का आरोप साबित होने के लिए वित्तीय प्रवाह, स्रोत आय, ट्रांजैक्शन-रिकॉर्ड और सह-लेनदेन (बैनामे के संभावित असली हितधारक) की विस्तृत फोरेंसिक जाँच आवश्यक है। विजिलेंस की आगे की रिपोर्ट, चार्जशीट व न्यायिक प्रक्रिया ही अंतिम निष्कर्ष तय करेंगी।
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