पिता की मौत के बाद इंसाफ की गुहार: कौशाम्बी के युवक अक्षय तिवारी की आत्महत्या की चेतावनी ने झकझोरा प्रशासन को
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई एक स्थानीय विवाद या पुलिस के मनमाने रवैये के चलते हुई, लेकिन इसके पीछे कोई विधिसम्मत कार्रवाई या वारंट नहीं दिखाया गया। घटनास्थल पर जुटे ग्रामीणों और स्थानीय नेताओं ने आरोप लगाया है कि पीड़ित परिवार पूरी तरह निर्दोष है और प्रशासन का रवैया जातीय भेदभाव से प्रेरित प्रतीत होता है।

कौशाम्बी, उत्तर प्रदेश: कौशाम्बी ज़िले के सैनी थाना क्षेत्र अंतर्गत काठियावा गाँव में दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया है। मृतक रामबाबू तिवारी के बड़े पुत्र अक्षय तिवारी का वीडियो सामने आया है जिसमें वह अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहते हैं: "मैं चिल्ला रहा था – हाय पिताजी हाय पिताजी… लेकिन पुलिस ने नहीं सुना। अगर मुझे न्याय नहीं मिला, तो मैं खुद पर पेट्रोल डालकर आत्महत्या कर लूंगा।"
अक्षय का आरोप है कि उनके पिता रामबाबू तिवारी की मौत कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि साजिश का हिस्सा है, जिसे स्थानीय पुलिस चौकी के प्रभारी काठियावा और ग्राम प्रधान ने मिलकर अंजाम दिया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जाँच कराई जाए ताकि दोषियों को सज़ा मिल सके और निर्दोषों को न्याय।
अक्षय के अनुसार:
चौकी प्रभारी ने पहले से योजनाबद्ध तरीके से उनके परिवार को परेशान किया।
उनके पिता के साथ मारपीट की गई, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई।
घटना को दबाने और झूठी धाराओं में फंसाने की कोशिश की जा रही है।
स्थानीय स्थिति:
पूरे क्षेत्र में ग़ुस्सा, स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ‘सामाजिक वर्ग विशेष’ को टार्गेट कर रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में बेटे की बिलखती आवाज़ लोगों को झकझोर रही है।
प्रशासनिक चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं कि ब्राह्मण समुदाय के साथ न्याय क्यों नहीं हो रहा?
यह मामला केवल एक पारिवारिक शोक का नहीं बल्कि व्यवस्था पर विश्वास टूटने का प्रतीक बनता जा रहा है। जब पीड़ित बेटा आत्मदाह की चेतावनी दे रहा है और स्थानीय पुलिस पर साजिश का आरोप लगा रहा है, तो यह शासन-प्रशासन के लिए चेतावनी की घंटी होनी चाहिए।
What's Your Reaction?






