दूलापुर मारपीट कांड: 6 दिन बाद हंडिया पुलिस ने मामूली धाराओं में दर्ज किया केस

दूलापुर गाँव में 15 नवंबर को घर में घुसकर की गई गंभीर मारपीट में कई लोग घायल हुए। पीड़ितों का आरोप, हंडिया पुलिस ने 6 दिन बाद तहरीर बदलवाकर मामूली धाराओं में FIR दर्ज की। देरी और कमजोर कार्रवाई पर सवाल उठे।

Nov 25, 2025 - 10:57
Nov 25, 2025 - 11:14
 0
दूलापुर मारपीट कांड: 6 दिन बाद हंडिया पुलिस ने मामूली धाराओं में दर्ज किया केस
हंडिया थाना

हंडिया (प्रयागराज)। दूलापुर गाँव में 15 नवंबर की रात लगभग 10 बजे हुए मारपीट कांड में हंडिया पुलिस की कार्रवाई पर नए सवाल खड़े हो गए हैं। घटना के छह दिन बाद भी पुलिस ने केवल मामूली धाराओं में FIR दर्ज की है, जबकि पीड़ित परिवार ने हमले को घर में घुसकर की गई जानलेवा मारपीट बताया है।

पुरानी रंजिश से शुरू हुआ विवाद

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार दूलापुर निवासी मोलई राम पटेल और केवला प्रसाद पटेल के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा है। इसी रंजिश के चलते 15 नवंबर की रात केवला प्रसाद पक्ष के लगभग आधा दर्जन लोग कथित रूप से मोलई राम पटेल के घर में घुस आए।

लाठी-डंडा और सरिया से प्रहार, महिलाएँ गम्भीर रूप से घायल

पीड़ित पक्ष का दावा है कि हमलावरों ने लाठी-डंडों और लोहे की सरिया से हमला किया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। एक महिला का हाथ टूट गया, जबकि अन्य महिलाएँ बेहोश हो गईं।

मोबाइल और घर में तोड़फोड़

पीड़ित परिवार का कहना है कि हमलावरों ने मोबाइल फोन तोड़ा, घर में तोड़फोड़ की और परिवार के सदस्यों को जान से मारने की धमकी दी।

ACP कार्यालय से पुलिस आयुक्त तक गुहार के बाद कार्रवाई

घटना के बाद पीड़ित परिवार ने स्थानीय पुलिस से लेकर ACP हंडिया और पुलिस आयुक्त, प्रयागराज तक गुहार लगाई। इसके बावजूद, कार्रवाई में लगातार देरी होती रही।

तहरीर बदलवाकर मामूली धाराओं में FIR?

पीड़ित का आरोप है कि हंडिया पुलिस ने 5–6 दिन बाद तहरीर बदलवाकर मात्र चार व्यक्तियों के खिलाफ हल्की धाराओं में केस दर्ज किया और मामले को निपटा दिया। बलवे और गंभीर चोटों पर भी ‘कमज़ोर धाराएँ’

स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने गंभीर मामले में

घर में घुसकर हमला (जो 452/323/325/504/506/427/34 IPC तक बन सकता था) महिलाओं को गंभीर चोटें जानलेवा हमला जैसे आरोपों के बावजूद पुलिस ने सिर्फ मामूली धाराएँ लगाकर औपचारिकता निभाई।

ग्रामीणों में नाराजगी ‘त्वरित कार्रवाई सिर्फ दिखावा’

पीड़ितों ने कहा कि पुलिस का ‘त्वरित कार्रवाई’ का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। गंभीर चोटों और हिंसा के बावजूद पुलिस ने न तो मेडिकल रिपोर्ट की प्रतीक्षा की, न ही उचित धारा जोड़ी। ग्रामीणों ने पुलिस पर पक्षपात, प्रभाव, और लापरवाही के आरोप लगाए हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

न्यूज डेस्क जगाना हमारा लक्ष्य है, जागना आपका कर्तव्य