तुलना मत करो | हिंदी कविता | सुशील कुमार पाण्डेय 'निर्वाक' की कविता

हर व्यक्ति का खिलने का समय अलग होता है कोई जल्दी खिलता है, कोई देर से। असफलता से मत डरो और हर सुबह जीवन का आभार मानो। यह कविता जीवन को संतुलित दृष्टि से देखने की प्रेरणा देती है।

Oct 18, 2025 - 10:19
Oct 18, 2025 - 10:19
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तुलना मत करो | हिंदी कविता | सुशील कुमार पाण्डेय 'निर्वाक' की कविता
तुलना मत करो | हिंदी कविता | सुशील कुमार पाण्डेय 'निर्वाक'

तुलना मत करो

 

तुलना मत करो,

हर फूल का मौसम अलग है,

कोई जल्दी खिलता है,

कोई देर से।

पर हर खिलावन की अपनी महक होती है।

 

असफलता से मत डरो,

क्योंकि वही सफलता की सीढ़ी है।

इतिहास गवाह है,

जो सबसे ज़्यादा हारे,

वही सबसे उज्ज्वल जले।

 

और सबसे बड़ा उपाय,

कृतज्ञता।

सुबह उठकर कहो धन्यवाद,

अपने होने का,

अपने पास जो कुछ है उसका।

 

सुशील कुमार पाण्डेय ‘निर्वाक’

संपर्क: 25-26, रोज मेरी लेन, हावड़ा - 711101, मो,: 88 20 40 60 80 / 9681 10 50 70

ई-मेल : aapkasusheel@gmail.com

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पूजा अग्रहरि पूजा अग्रहरि ने 2020 में दैनिक विश्वमित्र से पत्रकारिता की शुरुआत की। युवा शक्ति और जागो देश यूट्यूब चैनलों से जुड़ने के बाद, वर्तमान में पिछले 1 वर्ष से ‘जागो टीवी’ वेब पोर्टल में कंटेंट राइटर हैं। ‘कोई और राकेश श्रीमाल’ पुस्तक की सह-संपादक रही हैं। आपने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, कोलकाता केंद्र से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है।