बदायूं: छह महीने में कई मामलों में पुलिस कर्मियों पर कोर्ट के आदेश से रिपोर्ट, कार्रवाई में ढिलाई बरकरार
पिछले छह महीनों में बदायूं जिले में कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें बिनावर थाने के तीन इंस्पेक्टर, चार उपनिरीक्षक समेत 25 पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिन पर 29 जून को कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई।

पिछले छह महीनों में बदायूं जिले में कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें बिनावर थाने के तीन इंस्पेक्टर, चार उपनिरीक्षक समेत 25 पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिन पर 29 जून को कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई। इससे पहले मुजरिया थाने में भी उपनिरीक्षक समेत कई पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज हुए। इसके बावजूद, पुलिस प्रशासन द्वारा इन कर्मियों पर निलंबन या लाइन हाजिर जैसी अनुशासनात्मक कार्रवाई में ढिलाई दिखाई गई है।
मुख्य तथ्य
1. बिनावर थाने में 25 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर
- 29 जून 2025 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट के आदेश पर बिनावर थाने के पूर्व एसएचओ, चार उपनिरीक्षक, और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
- आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने पांच व्यक्तियों को झूठे एनडीपीएस (NDPS) एक्ट के मामले में फंसा दिया, उन्हें अवैध रूप से हिरासत में रखा और फर्जी बरामदगी दर्शाई।
- कोर्ट ने जांच के लिए सर्किल ऑफिसर स्तर के अधिकारी को नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं।
2. भ्रष्टाचार के मामलों में भी रिपोर्ट
- मुजरिया थाने में तैनात उपनिरीक्षक समेत कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
- इन मामलों में रिश्वतखोरी और कर्तव्य में लापरवाही के आरोप लगे हैं, लेकिन विभागीय कार्रवाई की रफ्तार बेहद धीमी रही।
3. अन्य संगीन मामलों में भी मुकदमे
- पिछले छह महीनों में कोर्ट के आदेश पर कई बार पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज हुई है, जिनमें फर्जी केस बनाना, हिरासत में अवैध रूप से रखना, और भ्रष्टाचार शामिल हैं।
- कई मामलों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद निलंबन, लाइन हाजिर या अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
- पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच प्रक्रिया जारी है।
- हालांकि, अब तक किसी भी आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित या लाइन हाजिर नहीं किया गया है, जिससे विभागीय निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
बदायूं जिले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद, विभागीय कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है। इससे पुलिस प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
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