₹2 करोड़ रिश्वत मामला: HDFC बैंक CEO पर CBI जाँच की माँग, लीलावती ट्रस्ट पहुँचा हाईकोर्ट

लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (LKMMT) ने एचडीएफसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ शशिधर जगदीशन पर ₹2.05 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए मामले में सीबीआई जाँच की माँग की है। इसके पहले, ट्रस्ट ने जगदीशन और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला (FIR) दर्ज कराया था, जिसमें उन पर चेतन मेहता समूह को ट्रस्ट पर अवैध नियंत्रण बनाए रखने में मदद करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद जगदीशन ने बॉम्बे हाईकोर्ट में इस FIR को रद्द करने की अपील की थी। अब ट्रस्ट ने उच्च न्यायालय में सीबीआई जाँच की माँग की है।

Jun 24, 2025 - 22:11
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₹2 करोड़ रिश्वत मामला: HDFC बैंक CEO पर CBI जाँच की माँग, लीलावती ट्रस्ट पहुँचा हाईकोर्ट
शशिधर जगदीशन, सीबीआई जाँच और बॉम्बे हाईकोर्ट

लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (LKMMT) और एचडीएफसी बैंक के बीच चल रहे विवाद में अब एक नया मोड़ आया है। ट्रस्ट ने बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ शशिधर जगदीशन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें सबसे प्रमुख आरोप यह है कि जगदीशन ने ट्रस्ट के पूर्व ट्रस्टी से ₹2.05 करोड़ की रिश्वत ली। ट्रस्ट के अनुसार, यह रकम एक हाथ से लिखी गई डायरी में दर्ज है और इसका उद्देश्य ट्रस्ट के एक मौजूदा सदस्य के पिता को परेशान करना था।

ट्रस्ट ने जगदीशन पर यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने ट्रस्ट के फाउंडर ट्रस्टियों की जानकारी या सहमति के बिना ट्रस्ट से ₹48 करोड़ जमा और बांड प्राप्त किए, ट्रस्ट की सुविधाओं से निःशुल्क चिकित्सा उपचार लिया और सबूत नष्ट करने के लिए डॉक्टरों को CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के ₹1.5 करोड़ देने का आदेश दिया। ट्रस्ट ने आरोप लगाया है कि जगदीशन ने ट्रस्ट के फंड में भारी हेराफेरी की है, जिसमें ₹14.42 करोड़ की हेराफेरी, कानूनी शुल्क के बहाने ₹85 करोड़ का दुरुपयोग और ट्रस्ट के फंड में ₹1,200-1,500 करोड़ की कथित हेराफेरी शामिल है।

मुंबई की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर ट्रस्ट ने जगदीशन और अन्य बैंक अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला (FIR) दर्ज कराया है, जिसमें आरोपों के तहत भारतीय न्याय संहिता (BNSS) की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 409 (सार्वजनिक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और 34 (साझा इरादा) शामिल हैं। ट्रस्ट ने यह भी आरोप लगाया है कि जगदीशन ने बैंक बोर्ड, सेबी और अन्य नियामकों को FIR के बारे में सूचित करने में चूक की है।

इस विवाद के बाद, जगदीशन ने बॉम्बे हाईकोर्ट में इस FIR को रद्द करने की अपील की है। इसके समानांतर, ट्रस्ट ने अब बॉम्बे हाईकोर्ट में सीबीआई जाँच की माँग की है। ट्रस्ट का कहना है कि उनके पास सभी आरोपों के लिए दस्तावेजी सबूत हैं और जगदीशन ने अपने सार्वजनिक बयानों में इनमें से किसी भी आरोप का सीधे तौर पर खंडन नहीं किया है।

इसके अलावा, ट्रस्ट ने जगदीशन और अन्य अधिकारियों के खिलाफ ₹1,000 करोड़ का सिविल मानहानि मुकदमा भी दायर किया है, जिसमें आरोप है कि जगदीशन ने ट्रस्ट और उसके स्थायी ट्रस्टी प्रशांत मेहता के खिलाफ झूठे, दुर्भावनापूर्ण और मानहानि फैलाने वाले बयान दिए हैं। इसके साथ ही, एक आपराधिक मानहानि शिकायत भी दर्ज की गई है, जिसके बाद अदालत ने जगदीशन, बैंक के प्रवक्ता और कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन प्रमुख को नोटिस जारी किया है।

एचडीएफसी बैंक ने इन सभी आरोपों को निराधार, दुर्भावनापूर्ण और बेतुका बताया है। बैंक का कहना है कि ये आरोप बेईमान लोगों की ओर से बैंक और उसके अधिकारियों की छवि खराब करने और उन्हें पुराने बकाया की वसूली से रोकने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा हैं। बैंक ने स्पष्ट किया है कि वह अपने एमडी और सीईओ की सत्यनिष्ठा की रक्षा के लिए सभी कानूनी उपाय अपनाएगा और सार्वजनिक धन की वसूली के अपने प्रयासों को जारी रखेगा।

इस पूरे मामले में, ट्रस्ट ने जगदीशन को पद से हटाने, उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने और आरबीआई, सेबी और वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप की माँग की है। बैंक का दावा है कि मेहता परिवार ने पहले भी वसूली के प्रयासों को बाधित करने के लिए कई कानूनी और आपराधिक शिकायतें दर्ज की हैं, जिनमें से ज्यादातर को या तो खारिज कर दिया गया है या वे कानूनी रूप से विवादित हैं।

यह मामला अब कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया से गुजर रहा है और दोनों पक्षों के बीच कड़ा संघर्ष जारी है।

मुख्य बिंदु

  • मामला: लीलावती ट्रस्ट ने एचडीएफसी बैंक के सीईओ शशिधर जगदीशन पर ₹2.05 करोड़ की रिश्वत लेने और ट्रस्ट पर अवैध नियंत्रण बनाए रखने में मदद करने का आरोप लगाया है।
  • कानूनी कार्रवाई: ट्रस्ट ने मुंबई की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज कराई, जिसमें जगदीशन और अन्य को आरोपी बनाया गया।
  • बैंक का जवाब: एचडीएफसी बैंक ने इन आरोपों को बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण बताया है और कहा है कि यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
  • हाईकोर्ट में अपील: जगदीशन ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और FIR को रद्द करने की माँग की है।
  • सीबीआई जाँच की माँग: अब ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में सीबीआई जाँच की माँग की है।
  • अन्य मामले: ट्रस्ट ने जगदीशन और अन्य पर मानहानि का ₹1,000 करोड़ का मुकदमा भी दायर किया है।

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सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I