ठाणे में 17 इमारतें अवैध, अंडरवर्ल्ड से जुड़ीं; सुप्रीम कोर्ट ने गिराने को बताया सही कदम
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को सही ठहराया है, जिसमें ठाणे के शिल इलाके में अंडरवर्ल्ड तत्वों और अधिकारियों की मिलीभगत से बनी 17 अवैध इमारतों को गिराने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि ये इमारतें पूरी तरह अवैध हैं और इन्हें कानून के शासन और जनहित के लिए गिराया जाना चाहिए। अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी आदेश दिया गया। अब तक अधिकांश इमारतें गिरा दी गई हैं, और इनमें रहने वाले लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।

ठाणे, मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को सही ठहराया है, जिसमें ठाणे के शिल इलाके में बनी 17 अवैध इमारतों को गिराने का निर्देश दिया गया था। मामले में अंडरवर्ल्ड और स्थानीय अधिकारियों की सांठगांठ की बात सामने आई है। कोर्ट ने कहा कि ये इमारतें पूरी तरह अवैध तरीके से बनाई गई हैं और इनका निर्माण किसी तीसरे व्यक्ति की जमीन पर, बिना किसी अनुमति के किया गया है।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला एक वरिष्ठ महिला द्वारा दायर याचिका पर चला, जिसने दावा किया कि उसकी जमीन पर 'लैंड माफिया' और अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों ने बड़े पैमाने पर बहुमंजिला इमारतें बना दी हैं। इन इमारतों को बनाने में स्थानीय प्रशासन और नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया गया।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस उज्जल भूयान और जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि ये इमारतें पूरी तरह अवैध हैं और इन्हें गिराया जाना चाहिए। कोर्ट ने हाईकोर्ट की प्रशंसा करते हुए कहा, “हाईकोर्ट ने सही फैसला लिया है। यहां कोई कानून का शासन नहीं है, ये लोग अंडरवर्ल्ड से जुड़े हैं।” कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों के पक्ष में कोई इक्विटी नहीं है, जो कानून का उल्लंघन करके संपत्ति बना रहे हैं।
अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्देश
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ठाणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (टीएमसी) के कमिश्नर को निर्देश दिया कि वे अवैध निर्माण में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें और उन्हें निलंबित करें। हाईकोर्ट ने कहा कि ‘ठाणे पैटर्न’ को पूरे महाराष्ट्र के लिए एक उदाहरण बनाना चाहिए।
वर्तमान स्थिति
ठाणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने 17 इमारतों में से 10 को पूरी तरह गिरा दिया है, 2 को 80% तक और 5 को आंशिक रूप से गिरा दिया गया है। शेष इमारतों को भी जल्द गिरा दिया जाएगा। इन इमारतों में रहने वाले लगभग 400 परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने साफ किया है कि अवैध निर्माण में अंडरवर्ल्ड और अधिकारियों की सांठगांठ पर कोई रोक नहीं लगाई गई तो देश भर में ऐसे मामले बढ़ेंगे। कोर्ट ने कानून के शासन और जनहित को प्राथमिकता दी है।
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