उत्तर प्रदेश लोकायुक्त ने राज्यपाल को वार्षिक प्रतिवेदन सौंपा, चार आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई की संस्तुति
उत्तर प्रदेश लोकायुक्त ने वर्ष 2024 का वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल को सौंपा। भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के मामलों में चार आईएएस अधिकारियों समेत कई अन्य लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। इस मौके पर कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। प्रतिवेदन में कुल 2131 शिकायतों का निस्तारण और पीड़ितों को 3.72 करोड़ रुपये की राहत का उल्लेख है।

उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति संजय मिश्रा ने वर्ष 2024 का वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को राजभवन में सौंपा। इस अवसर पर उप लोकायुक्त, संयुक्त सचिव, जनसंपर्क अधिकारी, मुख्य अन्वेषण अधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा भ्रष्टाचार व पद के दुरुपयोग के मामलों की गहन जांच के निष्कर्ष दिए गए।
शिकायतों व समाधान की स्थिति
- वर्ष 2024 में लोकायुक्त कार्यालय को कुल 2168 नई शिकायतें प्राप्त हुईं। इससे पहले से लंबित मामलों सहित कुल विचाराधीन शिकायतों की संख्या 4484 थी।
- इनमें से 2131 मामलों का निस्तारण कर दिया गया, जिसमें 1200 शिकायतें प्रारंभिक जांच के आधार पर हल हुईं और 931 मामलों में विस्तृत जांच के बाद निर्णय लिया गया।
- प्रतिवेदन के अनुसार, 115 शिकायतकर्ताओं को उनके पेंशन व सेवानिवृत्ति से संबंधित लाभ दिलाने में सहयोग किया गया, जिससे 3।72 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ।
- वर्ष के अंत तक 2353 मामले लंबित रह गए, जिन्हें आगामी वर्ष में निपटाने का लक्ष्य रखा गया।
भ्रष्टाचार और कार्रवाई
- लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार के मामलों में चार आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की। दोषी अधिकारियों के नाम फिलहाल सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, क्योंकि इन्हें पहले विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।
- 10 नगर पालिका/नगर पंचायत अध्यक्ष, 93 अन्य सरकारी अफसरों, और अन्य लोक सेवकों पर भी विभागीय जांच तथा कानूनी कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि भ्रष्टाचार, पद का दुरुपयोग, और संवैधानिक जिम्मेदारियों की अनदेखी के मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।
प्रशासन में पारदर्शिता व जागरूकता
- लोकायुक्त कार्यालय ने शासन को 31 सामान्य रिपोर्ट, 20 सिफारिशें और 4 विशेष रिपोर्ट भेजीं। इन रिपोर्टों का उद्देश्य प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही स्थापित करना है।
- भ्रष्टाचार के दुरुपयोग की रोकथाम को लेकर प्रयागराज महाकुंभ में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए गए, जिसमें आम जनता को शिकायतें भेजने का तरीका समझाया गया।
- विभिन्न विश्वविद्यालयों के 250 छात्रों को प्रशासनिक प्रशिक्षण भी दिया गया, ताकि वे लोकायुक्त कार्यालय की कार्यप्रणाली और पारदर्शी प्रशासन के महत्व को समझ सकें।
प्रशासनिक हलचल
- बड़े अफसरों तक पर कार्रवाई की सिफारिश के बाद राज्य के प्रशासनिक हलकों में उत्सुकता व आंतरिक हलचल बढ़ गई है। माना जा रहा है कि सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है।
- लोकायुक्त की सक्रियता राज्य सरकार के लिए चेतावनी और प्रशासनिक सुधार का महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिससे भ्रष्टाचार के विरुद्ध ठोस कार्रवाई और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
यह रिपोर्ट शासन-प्रशासन की पारदर्शिता, शिकायत समाधान की गति, भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त रवैए और प्रशासनिक सुधार की दिशा में लोकायुक्त की गंभीरता को दर्शाती है। रिपोर्ट में आंकड़ों, सिफारिशों और कार्यवाही के ठोस तथ्य हैं, जिससे राज्य के नागरिकों के हितों की रक्षा और सरकारी तंत्र की जवाबदेही का संदेश जाता है।
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