अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर संगोष्ठी: न्याय, सेवा और नारी सशक्तिकरण की प्रेरणा बनीं लोकमाता
भारतीय जनता पार्टी द्वारा भागलपुर के वृंदावन हॉल, जबारीपुर में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक पवन यादव और मुख्य वक्ता छाया पांडे थीं। वक्ताओं ने अहिल्याबाई के न्यायप्रिय, शक्तिशाली, एवं प्रशासकीय दक्षता से परिपूर्ण जीवन को नारी सशक्तिकरण, धर्म, सेवा और सामाजिक सुधार की प्रेरणा बताया।

भागलपुर, 31 मई: भारतीय जनता पार्टी द्वारा धर्म, सेवा, न्याय और नारी सशक्तिकरण की प्रतीक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन वृंदावन हॉल, जबारीपुर में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष साह ने की, जबकि मुख्य अतिथि कहलगाँव विधायक पवन यादव और मुख्य वक्ता मोक्षदा गर्ल्स इंटर कॉलेज की पूर्व प्राचार्या छाया पाण्डेय थीं।
लोकमाता की प्रेरणादायी विरासत पर प्रकाश
मुख्य वक्ता छाया पांडे ने अहिल्याबाई होलकर के संघर्षपूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे आज भी न्याय, करुणा और प्रशासनिक दक्षता की मिसाल हैं। उन्होंने बताया कि एक बछड़े की मौत पर अपने ही पुत्र को मृत्युदंड देना, उनकी न्यायप्रियता का प्रतीक है। उन्होंने प्रजा के कल्याण हेतु अस्पताल, धर्मशालाएं, प्याऊ, कुएं, बावड़ियाँ बनवाईं और सोमनाथ व काशी विश्वनाथ जैसे मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया।
पूर्व जिलाध्यक्ष नभय चौधरी ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर न केवल एक कुशल प्रशासक थीं, बल्कि उन्होंने मराठा साम्राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया।
प्रो. गुरुदेव पोद्दार ने कहा कि उनकी विरासत को याद करना समाज के सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने जैसा है।
नारी सशक्तिकरण का उदाहरण
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रूबी दास ने कहा कि अहिल्याबाई का नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। वे महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
जिलाध्यक्ष संतोष साह ने उनके सामाजिक सुधारों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने विधवा संपत्ति अधिग्रहण कानून को निरस्त कर महिलाओं को अधिकार और सम्मान दिलाया।
प्रधानमंत्री की योजनाओं का संदर्भ
मुख्य अतिथि विधायक पवन यादव ने अपने अंगिका भाषण में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार यात्रा के दौरान समाज के अंतिम पायदान तक 100 से अधिक योजनाएँ पहुँचाने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने डिफेन्स अकादमी की छात्राओं को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता भी जताई।
उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं ने समाज को न्याय, करुणा व नेतृत्व दिया है। नारी शक्ति वंदन के अंतर्गत महिलाओं को 33% आरक्षण देना ऐतिहासिक निर्णय है। अहिल्याबाई जैसे नामों को उचित स्थान न देना राजनीतिक अन्याय था, जिसे वर्तमान नेतृत्व सुधार रहा है।
संगोष्ठी का समापन
कार्यक्रम का संचालन मुकेश सिंह ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डोली मंडल ने दिया। भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष चंदन ठाकुर और नीतेश सिंह भी मंच पर उपस्थित रहे।
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