संघर्षों के बीच सफलता की मिसाल: देव साह
देव साह हावड़ा के एक साधारण परिवार से हैं, जिनके पिता इलेक्ट्रीशियन और माँ घरेलू कामगार हैं। परिवार की सीमित आय के बावजूद देव ने पढ़ाई में कड़ी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की। खेलकूद और बाहरी गतिविधियों से दूर रहते हुए भी, उन्होंने अपने सपनों को साकार किया। देव साह की कहानी इस बात की मिसाल है कि कठिन परिस्थितियों में भी मेहनत और दृढ़ संकल्प से सफलता पाई जा सकती है।

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के एक साधारण परिवार में जन्मे देव साह ने अपनी मेहनत और लगन से वह मुकाम हासिल किया है, जो आज उनके इलाके के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है। देव के पिता संजय साह स्थानीय इलेक्ट्रीशियन हैं और मां किरण देवी घर-घर जाकर काम करती हैं। परिवार की मासिक आय महज 8 से 10 हजार रुपये है, जिससे घर चलाना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। आर्थिक तंगी के बावजूद देव ने कभी हार नहीं मानी और पढ़ाई को ही अपनी प्राथमिकता बनाए रखा।
शैक्षिक उपलब्धि और मेहनत का फल
देव साह ने श्री माहेश्वरी विद्यालय, कोलकाता में माध्यमिक परीक्षा में 452 अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया। उनके स्कूल के कुल 69 विद्यार्थियों में सभी पास हुए, जिसमें अर्पित त्रिवेदी 452 अंक के साथ दूसरे स्थान पर, रवि शंकर तिवारी 451 अंकों के साथ तीसरे और शुभम गुप्ता 442 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहे। देव की उपलब्धि इस मायने में भी खास है कि सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया।
सीमित संसाधन, सीमित दोस्ती, लेकिन असीम इच्छाशक्ति
देव की दोस्ती का दायरा सीमित है-उनके अधिकतर दोस्त स्कूल या कोचिंग सेंटर से ही हैं। वे खेलकूद से दूर रहते हैं, लेकिन पढ़ाई में उनकी लगन और अनुशासन ने उन्हें अलग पहचान दिलाई है। उनकी छोटी बहन दिव्या भी पढ़ाई में उनका साथ देती है, जिससे परिवार में शिक्षा के प्रति सकारात्मक माहौल बना रहता है।
परिवार का संघर्ष और देव की प्रेरणा
देव के पिता की कम आमदनी और मां का घरेलू काम करना, दोनों ही इस बात का प्रमाण हैं कि परिवार ने हर हाल में शिक्षा को प्राथमिकता दी। देव ने कभी हालात का बहाना नहीं बनाया, बल्कि उन्हें अपनी ताकत बना लिया। उनकी सफलता यह दिखाती है कि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी मुश्किल रास्ता मंज़िल तक पहुंचा सकता है।
समाज के लिए प्रेरणा
देव साह की कहानी उन तमाम युवाओं के लिए मिसाल है, जो सीमित साधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की जिद रखते हैं। उनका संघर्ष और सफलता यह सिद्ध करती है कि मेहनत, लगन और परिवार का साथ किसी भी चुनौती को पार कर सकता है।
"एक साधारण परिवार से निकलकर असाधारण बनने की राह में देव साह जैसे युवाओं की कहानी समाज को उम्मीद और प्रेरणा देती है।" - रवि जयसवारा (देव के मामा)
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