प्रयागराज पुलिस आयुक्त तरुण गाबा का ट्रांसफर, नई नियुक्ति

तरुण गाबा ने प्रयागराज में अपराध नियंत्रण और पुलिस प्रशासन में कई उल्लेखनीय सुधार किए, लेकिन जनसुनवाई में लापरवाही, झूठी FIR और पीड़ितों के प्रति कठोरता जैसी विफलताओं ने उनकी छवि को प्रभावित किया। उनका त्वरित ट्रांसफर प्रशासनिक असंतोष और जन असंतोष का संकेत देता है। लखनऊ परिक्षेत्र में उनकी नई जिम्मेदारी में उम्मीद की जाती है कि वे अपनी पिछली गलतियों से सीखेंगे और पुलिसिंग में पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता को प्राथमिकता देंगे।

May 11, 2025 - 21:49
May 12, 2025 - 07:22
 0
प्रयागराज पुलिस आयुक्त तरुण गाबा का ट्रांसफर, नई नियुक्ति
प्रयागराज पुलिस आयुक्त तरुण गाबा

उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में हाल ही में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए हैं। इसी क्रम में प्रयागराज के पुलिस आयुक्त तरुण गाबा (आईपीएस-आरआर-2001) का भी ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्हें प्रयागराज से स्थानांतरित कर पुलिस महानिरीक्षक, लखनऊ परिक्षेत्र, लखनऊ के पद पर नियुक्त किया गया है। उनकी जगह प्रयागराज में नया अधिकारी तैनात किया गया है। यह तबादला कई दृष्टिकोणों से चर्चा का विषय बना हुआ है।

तरुण गाबा की कार्यशैली: उपलब्धियाँ, विफलताएँ, विवाद और नवाचार

1. अपराध नियंत्रण में सख्ती

  • श्री गाबा ने प्रयागराज में संगठित अपराध, माफिया गतिविधियों और गैंगवार पर सख्त कार्रवाई की।
  • लगातार अभियानों के जरिए कई कुख्यात अपराधियों को जेल भेजा गया।
  • अवैध हथियार, शराब, गांजा और ड्रग्स के खिलाफ छापेमारी तेज रही।

2. कानून व्यवस्था में सुधार

  • धार्मिक आयोजनों, चुनाव, और त्योहारों के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने में उनकी भूमिका सराहनीय रही।
  • पुलिस बल की त्वरित तैनाती और इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत किया।
  • आम जनता से संवाद और विश्वास बढ़ाने के लिए 'जनसंवाद' कार्यक्रम चलाया।

3. तकनीकी और प्रशासनिक नवाचार

  • पुलिसिंग में टेक्नोलॉजी का अधिकतम इस्तेमाल किया, जैसे CCTV नेटवर्क, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग आदि।
  • पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण और मोटिवेशन पर विशेष ध्यान दिया।
  • थानों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाई।

प्रमुख विफलताएँ और विवाद

1. जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों का निस्तारण

  • श्री गाबा के कार्यकाल में जनसुनवाई पोर्टल पर आई कई शिकायतों को झूठी आख्याएँ लगाकर स्पेशल क्लोज किया गया।
  • उच्चाधिकारियों द्वारा इन मामलों की जाँच या कार्रवाई के अभाव ने आम नागरिकों में पुलिस की छवि को धूमिल किया।
  • इससे पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया और पुलिस की जवाबदेही पर सवाल उठे।

2. झूठी एफआईआर और पीड़ितों पर कार्रवाई

  • उनके कार्यकाल में पीड़ितों के खिलाफ क्रॉस झूठी FIR दर्ज करने की घटनाएँ  बढ़ गईं।
  • इससे आम नागरिकों में भय और असंतोष का माहौल बना, और पुलिस की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लगे।

3. त्वरित ट्रांसफर के संकेत

  • श्री गाबा का प्रयागराज से इतनी जल्दी ट्रांसफर होना कई सवाल खड़े करता है।
  • आमतौर पर किसी अधिकारी का कार्यकाल पूरा होने से पहले स्थानांतरण प्रशासनिक असंतोष, जन असंतोष या कार्यशैली में विवाद का संकेत माना जाता है।
  • यह भी माना जा सकता है कि उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता की कमी, जनसुनवाई में लापरवाही और झूठी FIR की बढ़ती घटनाओं ने प्रशासन को यह कदम उठाने पर मजबूर किया।

नई जिम्मेदारी: पुलिस महानिरीक्षक, लखनऊ परिक्षेत्र

अब तरुण गाबा को लखनऊ परिक्षेत्र का पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया है, जो उत्तर प्रदेश के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। यहाँ उन्हें राजधानी क्षेत्र की कानून व्यवस्था, वीआईपी सुरक्षा, बड़े आयोजनों की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण जैसे बड़े दायित्व निभाने होंगे। उनकी सख्त, अनुशासित और टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली कार्यशैली से उम्मीद है कि लखनऊ परिक्षेत्र में भी वे सकारात्मक बदलाव लाएँगे, लेकिन प्रयागराज में उनकी विफलताओं से सबक लेना उनके लिए आवश्यक होगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I