शाजिया इल्मी मानहानि केस: राजदीप सरदेसाई ने वीडियो हटाने के आदेश के खिलाफ अपील वापस ली
राजदीप सरदेसाई ने भाजपा नेता शाजिया इल्मी से जुड़े मानहानि मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दिए गए वीडियो हटाने के आदेश के खिलाफ अपनी अपील वापस ले ली। कोर्ट ने पहले इस 18 सेकंड की क्लिप को निजता का उल्लंघन मानते हुए हटाने का निर्देश दिया था। सोशल मीडिया पर इस क्लिप के प्रसार के चलते कोर्ट ने X को दोषी यूज़र्स की जानकारी देने को भी कहा है।

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भाजपा नेता शाजिया इल्मी द्वारा दर्ज मानहानि मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ दायर अपील बुधवार को वापस ले ली, जिसमें उन्हें 18 सेकंड की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया से हटाने का निर्देश दिया गया था।
यह वीडियो क्लिप 26 जुलाई 2024 को इंडिया टुडे पर प्रसारित एक बहस कार्यक्रम के बाद की है, जिसमें इल्मी, बहस छोड़ने के बाद, कैमरे में रिकॉर्ड हुई थीं। कोर्ट ने इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन मानते हुए हटाने का आदेश दिया था।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति रेणु भटनागर की खंडपीठ ने इस आदेश के खिलाफ नोटिस जारी करने में अनिच्छा जताई, जिसके बाद सरदेसाई ने अपील वापस ले ली।
इससे पहले, न्यायमूर्ति मनमीत सिंह अरोड़ा ने 4 अप्रैल 2025 को आदेश पारित किया था कि यह क्लिप इल्मी की निजता का उल्लंघन करती है और ऑनलाइन नहीं रह सकती। यह आदेश अगस्त 2024 में जारी अंतरिम निर्देश की पुष्टि था, जिसमें कोर्ट ने वीडियो हटाने का निर्देश देते हुए इल्मी पर कुछ ट्वीट दबाने के लिए ₹25,000 का जुर्माना भी लगाया था।
विवाद की पृष्ठभूमि:
26 जुलाई 2024 को इंडिया टुडे के शो के दौरान राजदीप सरदेसाई और शाजिया इल्मी के बीच तीखी बहस हुई थी, जब इल्मी ने मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) यश मोर के अग्निपथ योजना पर उठाए गए सवालों पर आपत्ति जताई। बहस के दौरान टकराव बढ़ा और इल्मी ने शो छोड़ दिया।
बाद में, इल्मी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में सरदेसाई पर उनका फेडर (वॉल्यूम) कम करने का आरोप लगाते हुए उन्हें "पत्रकार के वेश में प्रचारक" बताया।
इसके जवाब में सरदेसाई ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें दावा किया गया कि बहस छोड़ने के बाद इल्मी ने वीडियो पत्रकार पर माइक फेंका और उसे घर से निकाल दिया। इल्मी ने इसे निजता का उल्लंघन बताते हुए मानहानि का मुकदमा दायर किया।
कोर्ट की सख्ती और सोशल मीडिया पर असर:
अप्रैल 2025 में कोर्ट ने एक्स (X) प्लेटफ़ॉर्म को आदेश दिया कि वे उन उपयोगकर्ताओं की मूल ग्राहक जानकारी (BSI) साझा करें जिन्होंने आदेश के बावजूद क्लिप दोबारा पोस्ट की। एक्स ने इस आदेश को चुनौती दी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और 36 घंटे के भीतर विवरण देने को कहा।
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