वरिष्ठ विधवा प्रोफेसर को न्याय की तलाश में महिला आयोग का दरवाजा खटखटाना पड़ा
डॉ. मीरा सिन्हा, एक वरिष्ठ विधवा और पूर्व प्रोफेसर, ने अपने फ्लैट पर जबरन कब्ज़ा, धमकी, पुलिसिया उत्पीड़न और झूठे मुकदमे को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग से न्याय की गुहार लगाई है। आयोग ने हावड़ा पुलिस को 15 दिनों में अंतिम रिपोर्ट देने को कहा है।

नई दिल्ली/हावड़ा, 23 मई 2025: राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक गंभीर मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस कमिश्नर को 15 दिनों में अंतिम कार्रवाई रिपोर्ट ( Final ATR) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश डॉ. मीरा सिन्हा नामक एक वरिष्ठ विधवा नागरिक की शिकायत पर जारी किया गया है, जिन्होंने अपनी वैध संपत्ति पर अवैध कब्ज़ा, स्थानीय पुलिस द्वारा उत्पीड़न और एक निजी व्यक्ति के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है।
डॉ. मीरा सिन्हा, जो एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर और पश्चिम बंगाल सरकार की पेंशनभोगी हैं, ने आरोप लगाया है कि जुलाई 2022 से उन्हें महेश सुरेका द्वारा उनकी संपत्ति से बेदखल करने या 20 लाख रुपये की जबरन वसूली के लिए दबाव डाल रहा है। उनकी शिकायत में दर्ज विवरण के अनुसार, न केवल उन्हें बार-बार धमकाया गया, बल्कि 26 फरवरी 2025 की रात को बिना महिला पुलिस अधिकारी के गोलाबाड़ी थाना के उपनिरीक्षक देबी प्रसाद मुख़र्जी के नेतृत्व में दो पुरुष पुलिसकर्मी उनके आवास पर पहुँचे और उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की। 27 फरवरी को पुलिस अधिकारियों ने, उनकी अनुपस्थिति में, आरोपित व्यक्ति की मदद में उनके तीसरे तल पर स्थित फ्लैट में बिना किसी कोर्ट के आदेश के जबरदस्ती ताला लगवा दिया।
डॉ. सिन्हा ने बताया कि उनके खिलाफ गोलाबाड़ी थाने में झूठे आरोपों के तहत मामला भी दर्ज किया गया है (केस संख्या 67/2025), जिसमें उन्हें बिना पूछताछ और बिना नोटिस के सीधे जेल भेजने की धमकी दी गई।
उन्होंने आयोग को भेजे पत्रों और प्रस्तुत दस्तावेज़ों में इस पूरे घटनाक्रम को संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के उल्लंघन के रूप में चिह्नित किया है। उन्होंने माँग की है कि —
1. गोलाबाड़ी थाना पुलिस की भूमिका की निष्पक्ष जाँच की जाए।
2. आरोपित महेश सुरेका के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।
3. उनके खिलाफ दर्ज झूठा मुकदमा रद्द किया जाए।
4. उन्हें और उनकी देखभाल करने वाली महिला को सुरक्षा दी जाए।
दिनांक 06 मई 2025 को हावड़ा पुलिस आयुक्त द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया कि डॉ. मीरा सिन्हा की शिकायत की जाँच पुलिस के उत्तर मंडल-1 के सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा की गई है और जाँच रिपोर्ट पुलिस उपायुक्त के माध्यम से अग्रसारित की गई है।
इसके प्रत्युत्तर में राष्ट्रीय महिला आयोग ने 23 मई 2025 को पत्र जारी कर यह स्पष्ट किया कि प्राप्त रिपोर्ट केवल आंशिक है और मामला अभी ‘प्रक्रिया में’ प्रतीत होता है। यह प्रकरण एक वरिष्ठ नागरिक महिला के अधिकारों की रक्षा से जुड़ा होने के कारण अत्यंत संवेदनशील है, और संबंधित पुलिस अधिकारियों की त्वरित तथा पारदर्शी प्रतिक्रिया अपेक्षित है। अतः आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर हावड़ा को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि यदि तय समय में अंतिम रिपोर्ट नहीं दी गई, तो आयोग अपनी कानूनी शक्तियों का प्रयोग कर आगे सख्त कार्रवाई करेगा।
What's Your Reaction?






