एमएनएनआईटी इलाहाबाद में छात्र को न्यूड किया, पिस्टल सटाई
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNNIT), प्रयागराज के एक एम.टेक प्रथम वर्ष के छात्र कुलदीप श्रीवास्तव ने अपने विभाग ‘इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECED)’ में हुए कथित उत्पीड़न की दिल दहला देने वाली जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक की है। छात्र द्वारा जारी किए गए बयान में मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन, शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना, और यहाँ तक कि बंदूक की नोक पर धमकी जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं। इस घटना से न केवल एक शैक्षणिक संस्थान की छवि पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हुआ है, बल्कि छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों पर भी गहरा आघात पहुँचा है।

प्रयागराज, 24 जून 2025 | MNNIT इलाहाबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ECED) विभाग में हुए कथित उत्पीड़न का आरोप प्रथम वर्ष के एम.टेक छात्र कुलदीप श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर उठाया था। उन्होंने बयान में विभागाध्यक्ष एवं अन्य स्टाफ पर नग्न कर प्रताड़ित करने, रिवॉल्वर तानकर धमकाने और मानसिक यातना देने का सनसनीखेज दावा किया। छात्र ने वत्सल्या मैटरनिटी एवं सर्जिकल सेंटर, प्रयागराज से उपचार का मेडिकल प्रमाण भी संलग्न किया था।
कुलदीप के अनुसार, उन्हें पहले लैब अटेंडेंट अजय शर्मा और फिर ECED विभाग के विभागाध्यक्ष (HoD) का फोन आया, जिसमें उन्हें तत्काल कार्यालय बुलाया गया।
दोपहर तक:
जब वह विभागाध्यक्ष के केबिन में पहुँचे, वहाँ पहले से कई फैकल्टी सदस्य, स्टाफ व अज्ञात व्यक्ति मौजूद थे।
छात्र के बैग की तलाशी ली गई - बिना किसी लिखित आदेश या अनुमति के।
उन्हें आरोपित किया गया कि वह रिकॉर्डिंग डिवाइस लेकर आए हैं।
इसी आधार पर उन्हें पूरी तरह नग्न होने के लिए बाध्य किया गया।
शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न:
छात्र के अनुसार, उन्हें बिना कपड़ों के एकांत में बंद कर दिया गया और वहाँ मौखिक गालियाँ व मानसिक उत्पीड़न किया गया।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि विभागाध्यक्ष ने उनके सिर पर एक साइलेंसर युक्त रिवॉल्वर तान दी।
जब छात्र ने बचने की कोशिश की, तो कथित रूप से गोली चलाई गई, जो दीवार में लगी।
सौभाग्यवश, प्रो. धर्मेंद्र दीक्षित और प्रो. बसंत कुमार ने हस्तक्षेप कर दरवाजा खोला और छात्र को बाहर निकाला।
घटना के बाद शारीरिक व मानसिक स्थिति:
छात्र को प्रो. बसंत कुमार के कक्ष में ले जाया गया, परंतु मानसिक आघात के चलते वह परिसर के पुस्तकालय के पास बेहोश हो गया। कुलदीप को MNNIT हेल्थ सेंटर और बाद में प्रयागराज के वत्सल्या सर्जिकल एँड मैटरनिटी सेंटर में भर्ती कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर मानसिक और शारीरिक आघात की पुष्टि हुई है। छात्र वर्तमान में वाराणसी स्थित अपने घर पर मानसिक अवसाद की स्थिति में है।
घटना की पृष्ठभूमि:
कुलदीप के अनुसार, यह पहली बार नहीं था। एक दिन पहले 23 जून 2025 को, उन्हें HoD के ऑफिस में बंद कर RTI आवेदन वापस लेने का दबाव डाला गया था।
जब उन्होंने RTI न वापस लेने की बात कही, तब उन्हें ‘शो-कॉज नोटिस’, ‘टर्मिनेशन’ (निष्कासन) जैसे शब्दों से धमकाया गया। इसके बावजूद, उन्होंने एक सम्मानजनक लिखित उत्तर दिया, परन्तु अगले ही दिन यह अत्यंत घातक घटना घटित हुई।
मीडिया व प्रशासन से अपील:
कुलदीप श्रीवास्तव ने इस कथित घटना को महज व्यक्तिगत उत्पीड़न नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संस्थान में छात्र सुरक्षा, अकादमिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के उल्लंघन के रूप में प्रस्तुत किया है।
उनकी प्रमुख माँगें निम्नलिखित हैं:
1. स्वतंत्र जाँच: एक निष्पक्ष, बाहरी एजेंसी द्वारा स्वतंत्र जाँच हो।
2. दोषियों पर कानूनी कार्रवाई: तुरंत अनुशासनात्मक और कानूनी कदम उठाए जाएँ।
3. मनोवैज्ञानिक सहायता और अकादमिक संरक्षण।
4. विभाग से अस्थायी दूरी की अनुमति, जब तक सुरक्षा सुनिश्चित न हो।
5. मीडिया का हस्तक्षेप, ताकि घटना को दबाया न जा सके।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
1. ECED विभाग सचिव से संवाद
‘जागो टीवी’ ने संपर्क किया ECED विभाग के सेक्रेटरी राम बरन से: उनका कहना है:
“कुलदीप के आरोप निराधार हैं। वह किसी छात्रा के साथ व्यक्तिगत संबंधों को लेकर तनाव में है और मानसिक रूप से अस्थिर था, इसलिए उसने यह सोशल मीडिया पोस्ट किया है। ऐसी कोई घटना यहाँ नहीं घटी है।”
2. लैब अटेंडेंट का बयान
‘जागो टीवी’ ने लैब अटेंडेंट अजय शर्मा से की बात:
लैब अटेंडेंट अजय शर्मा ने कहा “हाँ, विभागाध्यक्ष प्रो. विजय शंकर त्रिपाठी के कहने पर कुलदीप श्रीवास्तव को मैंने फोन किया था पर मेरे फ़ोन करने पर कुलदीप नहीं आया जिसकी सूचना मैंने डॉ. त्रिपाठी को दी थी, फिर HoD ने उसे फ़ोन कर बुलाया, उसके बाद मैं वहाँ से चला गया था। मुझे घटना के तथ्यों की कोई जानकारी नहीं है क्योंकि मैं घटना के समय वहाँ नहीं था।”
3. HoD की वर्तमान स्थिति
विभागाध्यक्ष प्रो. विजय शंकर त्रिपाठी इस समय भोपाल में एक सेमिनार में व्यस्त हैं।
वे 25 जून को भोपाल गए हुए हैं और फिलहाल विभाग में मौजूद नहीं हैं।
4. अब तक इस पूरे मामले में:
MNNIT प्रशासन की कोई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
स्थानीय पुलिस द्वारा भी कोई FIR अथवा सार्वजनिक बयान उपलब्ध नहीं हुआ है।
जाँच प्रक्रिया
MNNIT प्रशासन ने एक आंतरिक जाँच समिति का गठन किया है, जो त्वरित रूप से सभी तथ्यों की पहचान कर रिपोर्ट सौंपेगी।
समिति में विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर और एक बाहरी विशेषज्ञ शामिल हैं। अपेक्षा है कि दोहरे दृष्टिकोण (student testimony + विभागीय जवाब) के आधार पर निष्पक्ष निष्कर्ष शीघ्र घोषित हो।
अगले कदम और महत्वपूर्ण बिंदु
1. निष्पक्षता की अहमियत
– छात्र और विभाग दोनों के बयानों का संकलन व सत्यापन।
2. पुलिस रिपोर्ट / FIR
– अब तक कोई FIR दर्ज नहीं हुई; पुलिस से भी पुष्टि अपेक्षित।
3. मानसिक स्वास्थ्य
– विभाग ने छात्र को काउंसलिंग तथा सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
4. मीडिया व छात्रों की भूमिका
– व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने से घटना दबने की आशंका कम होगी।
जागो टीवी इस मामले पर नजर बनाए हुए है। जैसे ही कोई आधिकारिक रिपोर्ट या पुलिस एफआईआर सामने आएगी, हम आपको तत्परता से अपडेट देंगे।
What's Your Reaction?






