EECP 'नेचुरल बायपास': कितना सच, कितना दावा?
क्या EECP थेरेपी सचमुच बाइपास व स्टेंट की जगह ले सकती है? वायरल मैसेज, तमिलनाडु सरकारी अस्पतालों और US FDA के तथ्य के साथ गहरी पड़ताल।
Fact Check | क्या EECP थेरेपी ‘नेचुरल बायपास’ बनकर हार्ट ब्लॉकेज बिना सर्जरी ठीक कर देती है? वायरल मैसेज की पड़ताल
दावा:
सोशल मीडिया व व्हाट्सऐप पर तेजी से एक लंबा संदेश वायरल हो रहा है। इसमें कहा गया है कि AIIMS के डॉक्टर द्वारा विकसित ‘EECP थेरेपी’ से हार्ट की सभी ब्लॉकेज बिना बाइपास सर्जरी और बिना स्टेंट के ‘20 बोतल ड्रिप’ के जरिए पूरी तरह साफ हो जाती हैं। दावा यह भी है कि यह तकनीक US FDA और तमिलनाडु सरकार द्वारा अप्रूव्ड है, यह ‘नेचुरल बायपास’ है, देश के कुछ चुनिंदा डॉक्टर (विशेषकर कोयंबटूर के डॉ. एस. प्रभु) इसे कर रहे हैं, और इसे जितना हो सके, लोगों तक पहुँचाया जाए क्योंकि यह ‘दिल की बीमारी का चमत्कारी इलाज’ है।
फैक्ट चेक:
वायरल संदेश में बताई गई कई बातें आंशिक सच, अतिशयोक्ति, और ग़लत दावों का मिश्रण हैं।
✔️ सच क्या है?
EECP एक मान्यता प्राप्त नॉन-इंवेसिव कार्डियक थेरेपी है
EECP (Enhanced External Counterpulsation) एक गैर-सर्जिकल तकनीक है। इसमें क़रीब 1 घंटे के सेशन में रोगी की टांगों पर बड़े कफ लगाए जाते हैं, जो दिल की धड़कन के साथ सिंक्रोनाइज़ होकर रक्त प्रवाह बढ़ाते हैं। यह तकनीक कुछ चुनिंदा रोगियों के लिए खासकर chronic stable angina यानी लंबे समय तक चलने वाले सीने के दर्द में राहत दे सकती है।
US FDA ने EECP मशीनों को क्लियरेंस दिया है
FDA ने इसे chronic angina के लिए उपकरण के रूप में मंज़ूरी दी है। यह दावा सही है, लेकिन यह मंज़ूरी ‘ब्लॉकेज घोलने वाली थेरेपी’ के लिए नहीं है।
तमिलनाडु सरकार कई अस्पतालों में EECP यूनिट चलाती है
TN सरकार ने कुछ सरकारी अस्पतालों में EECP यूनिट शुरू की है। यह भी तथ्यात्मक रूप से सही है, लेकिन सरकार कहीं भी इसे ‘बाइपास का विकल्प’ घोषित नहीं करती।
❌ क्या गलत या भ्रामक है?
‘20 बोतल IV ड्रिप से ब्लॉकेज साफ़ हो जाती हैं’ - यह दावा झूठा है
EECP में कोई IV दवा या ड्रिप नहीं दी जाती। वायरल मैसेज में ‘20 बोतल दवा से नसें साफ़ होने’ वाला दावा वास्तव में EECP से मेल नहीं खाता। यह विवरण chelation therapy जैसा लगता है, जो विवादित है। हार्ट ब्लॉकेज हटाने के लिए FDA द्वारा मंजूर नहीं और कार्डियोलॉजी गाइडलाइनों में सिफारिश नहीं की गई है। यानी, वायरल मैसेज EECP और chelation को मिलाकर गलत तरह से पेश कर रहा है।
‘EECP ब्लॉकेज पूरी तरह हटाकर बाइपास की ज़रूरत खत्म कर देती है’- गलत दावा
EECP ब्लॉकेज हटाती नहीं है। यह कुछ रोगियों में रक्त प्रवाह बेहतर कर सकती है और लक्षणों में राहत दे सकती है। इसे ‘Natural bypass’ कहना एक मार्केटिंग टर्म है, मेडिकल गाइडलाइन नहीं। EECP का उपयोग अकसर उन रोगियों में किया जाता है जो बाइपास/एंजियोप्लास्टी के लिए अनफिट हों, या दवाइयों से भी राहत न मिल रही हो। यह बाइपास या स्टेंट का सर्वमान्य विकल्प नहीं है।
‘AIIMS के डॉक्टर द्वारा विकसित भारतीय तकनीक’, यह भी गलत दावा
EECP की उत्पत्ति 1950–60 के दशक में अमेरिका में हुई। यह भारत में कई डॉक्टरों द्वारा अपनाई गई है, लेकिन यह नई तकनीक नहीं और न ही AIIMS की ओर से विकसित या आधिकारिक रूप से एंडोर्स्ड है।
व्यक्तिगत डॉक्टर का नाम, नंबर और अस्पताल जोड़कर ‘फॉरवर्ड ज़रूर करें’ संदेहास्पद पैटर्न
अकसर ऐसे वायरल मैसेज किसी विशेष सेवा/अस्पताल/डॉक्टर के प्रचार की तरह फैलते हैं।
स्वास्थ्य संबंधी दावे सोशल मीडिया पर प्रमोशनल मैसेज के रूप में फैलाना खतरनाक और गैर-वैज्ञानिक है।
फैसला: भ्रामक (MISLEADING)
वायरल मैसेज में कुछ तथ्य (EECP की मौजूदगी, FDA क्लियरेंस, TN सरकारी यूनिट) सही हैं,
लेकिन मुख्य दावे-
ब्लॉकेज घुलना
‘नेचुरल बायपास’
ड्रिप से पूरी सफाई
बाइपास/स्टेंट की पूर्णतः समाप्ति
वैज्ञानिक रूप से गलत, अतिरंजित और भ्रामक हैं।
EECP एक उपयोगी थेरेपी है, पर यह सर्जरी का जादुई विकल्प नहीं।
सलाह:
हार्ट अटैक, ब्लॉकेज या सीने के दर्द की कोई भी स्थिति डॉक्टर से जाँच कराए बिना ‘फॉरवर्ड मैसेज’ के भरोसे न छोड़ें।
EECP करवाना है या सर्जरी, यह निर्णय ECG, ECHO, Angiography, रोगी की आयु, कमजोरी और अन्य मेडिकल रिपोर्ट देखकर केवल कार्डियोलॉजिस्ट लेते हैं।
सोशल मीडिया के दावों के आधार पर इलाज बदलना जानलेवा हो सकता है।
What's Your Reaction?
