भारत सरकार ने मनाया अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस
26 जून को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में केंद्रीय कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) श्री बी.एल. वर्मा मुख्य अतिथि थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नशा मुक्त भारत पखवाड़ा (12 से 26 जून) के दौरान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और अन्य सभी हितधारकों के प्रयासों की सराहना की।

‘नशा मुक्त भारत अभियान’ (NMBA) के तहत जून 2025 तक 15.78 करोड़ से अधिक लोगों, 5.26 करोड़ युवाओं और 3.31 करोड़ महिलाओं को जागरूक किया जा चुका है। 4.31 लाख से अधिक शैक्षणिक संस्थानों और 20,000 से अधिक प्रशिक्षित मास्टर वालंटियर्स ने इस अभियान में भाग लिया।
इस वर्ष का थीम 'The Evidence is Clear: Invest in Prevention' है, जिसमें नशे की रोकथाम के लिए साक्ष्य-आधारित उपायों और सामुदायिक भागीदारी पर बल दिया गया है।
भारत सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नशा मुक्ति के लिए नोडल मंत्रालय है, जो देशभर में जागरूकता, उपचार और पुनर्वास के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है। ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ देश के सभी जिलों में चलाया जा रहा है और यह विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं और शैक्षणिक संस्थानों पर केंद्रित है।
इस अभियान के तहत आउटरीच एंड ड्रॉप-इन सेंटर्स (ODIC), कम्युनिटी पीयर लीड इंटरवेंशन (CPLI) और इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स (IRCA) जैसी सुविधाएं देशभर में उपलब्ध हैं।
सरकार ने तंबाकू, अल्कोहल, कैनाबिस, हेरोइन, सिंथेटिक ओपिओइड्स जैसे पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कठोर कानून बनाए हैं और ड्रग तस्करी रोकने के लिए सीमा सुरक्षा एजेंसियों को मजबूत किया है।
इस मौके पर देशभर में स्कूल, कॉलेज, युवा क्लब और सामुदायिक केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम, सेमिनार और काउंसलिंग सत्र आयोजित किए गए हैं।
26 जून को मनाए जाने वाले इस दिवस के माध्यम से भारत सरकार ने नशे की रोकथाम और तस्करी विरोधी प्रयासों को और मजबूती दी है। ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ देश के कोने-कोने तक पहुँच रहा है और यह एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है।
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