हंडिया थाने पर जंगल राज का आरोप: परिवार पर जानलेवा हमले और पुलिस की निष्क्रियता

हंडिया थाना क्षेत्र में पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। हंडिया थानान्तर्गत गाँव जराँव के स्थानीय निवासी मनोज कुमार पाण्डेय ने हंडिया थाना प्रभारी ब्रज किशोर गौतम, एसीपी पंकज लवानिया और डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती पर अपराधियों को संरक्षण देने और उनके परिवार पर जानलेवा हमले करवाने का आरोप लगाया है।

Aug 15, 2024 - 09:01
Apr 15, 2025 - 09:06
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हंडिया थाने पर जंगल राज का आरोप: परिवार पर जानलेवा हमले और पुलिस की निष्क्रियता
कथित पुलिस सांठ-गांठ कर करवाए गए हमले का चित्र

प्रयागराज, 14 अगस्त 2024: हंडिया थाना क्षेत्र में पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। हंडिया थानान्तर्गत गाँव जराँव के स्थानीय निवासी मनोज कुमार पाण्डेय ने हंडिया थाना प्रभारी ब्रज किशोर गौतम, एसीपी पंकज लवानिया और डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती पर अपराधियों को संरक्षण देने और उनके परिवार पर जानलेवा हमले करवाने का आरोप लगाया है। मनोज ने प्रयागराज पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा को लिखे पत्र में हंडिया थाने में जंगल राज होने का दावा किया है।

13 अगस्त 2024 की घटना: मनोज पाण्डेय के अनुसार, 13 अगस्त 2024 को मुकदमा संख्या 125/2024 के आरोपियों रजनीश पाण्डेय, सुमित पाण्डेय, विनय पाण्डेय, साहेबलाल पाण्डेय, सूबेदार पाण्डेय, ग्राम प्रधान सुनील उपाध्याय, ग्राम प्रधान का ड्राईवर पोते, सुशील उपाध्याय, ललित पाण्डेय सहित अन्य ने उनके घर पर अवैध रूप से जमीन कब्जाने के इरादे से हमला किया। हमलावरों ने फावड़े, कुदाल और धारदार हथियारों से लैस होकर उनके घर की खिड़कियाँ, गाड़ियों के शीशे तोड़े और ईंट-पत्थरों से परिवार पर हमला किया। इस दौरान उनकी पत्नी, बेटे और बेटी को चोटें आईं।

पुलिस की निष्क्रियता और धमकियाँ: मनोज ने बताया कि हमले के दौरान उन्होंने और उनकी माँ ने चौकी प्रभारी, एसीपी, डीसीपी और आयुक्त कार्यालय को कई बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। आयुक्त के पीआरओ ने उन्हें दोषी ठहराकर फोन काट दिया। बाद में थाना प्रभारी ब्रज किशोर गौतम ने उनके बड़े भाई सुशील कुमार पाण्डेय को फोनकर फोर्स भेजने का आश्वासन दिया, लेकिन मौके पर पहुँचे चौकी प्रभारी अमित कुमार ने उल्टा हमलावर सुमित पाण्डेय के साथ मिलकर मनोज को धमकाया और उनकी शिकायत दर्ज नहीं की।

थाने में मनोज को ब्रज किशोर गौतम ने कथित तौर पर धमकी दी कि, “तुम मेरे, एसीपी और डीसीपी के खिलाफ ट्वीट करते हो। तुम्हारे पूरे परिवार को गुंडा एक्ट में जेल भेज दूँगा, गाड़ी से कुचलवाकर मार डालूँगा।गौतम ने अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए मनोज की माँ और भाई सुशील को भी निशाना बनाया। सुशील ने इस घटना की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने की माँग की है।

पिछली घटनाएँ: मनोज ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। 26 अक्तूबर 2023 को शुरू हुई हिंसा की शृंखला में उनके परिवार पर कई बार हमले हुए। 16 फरवरी 2024 को रात 10 बजे फोनकर दिए गए धमकी के बाद हुए हमले की थाना प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार दूबे ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की, वहीं थाने में शिकायत देने गए उनके, परिवारजन व महिलाओं के साथ अभद्रताएं की गईं। 21 मार्च 2024 को हुए हमले में उनके पक्ष के नारायणधर पाण्डेय पर और उनके परिवार पर गंभीर रूप से जानलेवा हमला किया गया, जिसके कारण वे अब तक चलने में अक्षम हैं। इस मामले में पुलिस ने उल्टा मनोज और उनके परिवार पर झूठा मुकदमा (आईपीसी 307) में दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया, जबकि मुख्य आरोपी सुमित पाण्डेय को थाने से छोड़ दिया गया। 30 जून को एक अन्य घटना में आरोपी नितिन उर्फ रजनीश ने रैश ड्राइविंग से एक बच्चे की जान ले ली, लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर रिश्वत लेकर केस रफा-दफा कर दिया, और अज्ञात के नाम से केस दर्ज किया है सब सचाई जानते हुए।

पुलिस पर संगीन आरोप: मनोज ने आरोप लगाया कि हंडिया पुलिस अवैध जमीन कब्जे में मदद कर रही है। थाना प्रभारी, एसीपी और डीसीपी की मिलीभगत से अपराधी बेखौफ हैं। 16 फरवरी को ड्यूटी अधिकारी सुमित आनंद ने उनकी माँ-बहन को गालियाँ दीं और थाने में मनोज और उनकी पत्नी व बेटी के साथ धक्का-मुक्की व अभद्रताएं कीं। पुलिस शिकायत के बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मनोज ने दावा किया कि पुलिस उनकी शिकायतें दर्ज नहीं करती और उल्टा उन्हें धमकाती है।

माँगें और अपील: मनोज ने पुलिस कमिश्नर से अपराधियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने, उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हंडिया थाने व उपायुक्त गंगानगर अभिषेक भारती के विधि विरूद्ध कार्यों की जाँच की माँग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो वह उच्च अधिकारियों और न्यायालय का दरवाजा खटखटाएँगे।

पुलिस की चुप्पी: इस मामले में ब्रज किशोर गौतम, पंकज लवानिया और अभिषेक भारती से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मनोज का कहना है कि पुलिस ने उनके व परिवार के सदस्यों के नंबर CUG पर ब्लॉक कर रखा है।

नागरिकों में आक्रोश: हंडिया में पुलिस की निष्क्रियता और कथित भ्रष्टाचार से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। मनोज ने कहा कि हंडिया में जंगल राज है और यहाँ पुलिस संविधान और लोकतंत्र का अपमान कर रही है। उन्होंने नागरिकों से एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है।

(नोट: यह रिपोर्ट मनोज कुमार पाण्डेय के शिकायती पत्र और बयानों पर आधारित है। पुलिस पक्ष से जवाब मिलने पर उसे अगले संस्करण में शामिल किया जाएगा।)

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सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I