बारिश की मार 2025: जब बादल बने कहर
2025 के मानसून सीजन में भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक और कई क्षेत्रों में भीषण बारिश हुई है। महाराष्ट्र, मध्य भारत, उत्तर भारत, पश्चिमी भारत, दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में भारी से अति भारी वर्षा दर्ज की गई, जिससे जलभराव, यातायात बाधित, कृषि को नुकसान और भूस्खलन जैसी समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून इस वर्ष सामान्य से अधिक सक्रिय है और वर्षा का स्तर औसत से ऊपर है। मौसम विभाग ने कई राज्यों में ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी कर सतर्क रहने की सलाह दी है।

2025 के मानसून सीजन में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक और कई क्षेत्रों में भीषण बारिश दर्ज की जा रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस वर्ष मानसून की सक्रियता के चलते देश के कई हिस्सों में भारी से अति भारी वर्षा, तेज हवाएँ और गरज-चमक के साथ बारिश का सिलसिला जारी है।
प्रमुख क्षेत्र और बारिश की स्थिति
- महाराष्ट्र: मुंबई, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, नासिक, मराठवाड़ा सहित कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई है। मुंबई में सड़कों और रेलवे लाइनों पर जलभराव की स्थिति बनी, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। इन क्षेत्रों में कम दबाव का क्षेत्र और मानसून की सक्रियता के कारण लगातार भारी वर्षा हो रही है।
- मध्य भारत: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ और आसपास के क्षेत्रों में 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं भारी बारिश दर्ज की गई है।
- उत्तर भारत: उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, गंगा तटीय पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली-एनसीआर में भी मानसून ने समय से पहले दस्तक दी है। कई जगहों पर भारी बारिश और तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
- पश्चिमी भारत: गुजरात और राजस्थान में भी मानसून के चलते कई जिलों में भारी वर्षा और जलजमाव की स्थिति देखी गई है। जयपुर, कोटा, भरतपुर, बीकानेर सहित कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
- दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत: कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश आदि में भी भारी से अति भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन की आशंका बनी हुई है।
प्रभाव और जोखिम
- जनजीवन पर असर: कई शहरों में जलभराव, यातायात बाधित, रेलवे सेवाएँ प्रभावित, और बिजली आपूर्ति में व्यवधान।
- कृषि पर प्रभाव: अत्यधिक बारिश से खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलों को नुकसान की आशंका।
- प्राकृतिक आपदाएँ: पहाड़ी और तटीय क्षेत्रों में भूस्खलन, पेड़ गिरने, नदियों का जलस्तर बढ़ने, और बाढ़ की घटनाएँ बढ़ी हैं।
- सावधानी और अलर्ट: मौसम विभाग ने कई राज्यों में ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
वैज्ञानिक विश्लेषण
IMD के अनुसार, 2025 में मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय है और कुल वर्षा दीर्घावधि औसत का लगभग 105% रहने की संभावना है। इस बार एल नीनो की स्थिति नहीं बनने से मानसून पर सकारात्मक असर पड़ा है, जिससे देशभर में बारिश का स्तर ऊँचा है।
भारत में 2025 की मानसूनी बारिश ने कई राज्यों में रिकॉर्ड स्तर की वर्षा दर्ज की है, जिससे जनजीवन, कृषि और बुनियादी ढांचे पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक सतर्कता बनाए रखने और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी है।
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