ओमान-कतर की मध्यस्थता असफल, ईरान का सीजफायर से इनकार; अडानी का हाइफा पोर्ट सुरक्षित
ईरान और इज़राइल के बीच जारी टकराव में शांति की कोशिशों को झटका लगा है। ओमान और कतर की ओर से किए गए मध्यस्थता प्रयासों को ईरान ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जब तक इज़राइल हमले रोकता नहीं, तब तक किसी प्रकार की सीजफायर वार्ता संभव नहीं।

ईरान और इज़राइल के बीच जारी टकराव में शांति की कोशिशों को झटका लगा है। ओमान और कतर की ओर से किए गए मध्यस्थता प्रयासों को ईरान ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जब तक इज़राइल हमले रोकता नहीं, तब तक किसी प्रकार की सीजफायर वार्ता संभव नहीं। वहीं, इस संघर्ष में ईरान के 224 नागरिकों की मौत और 10 से अधिक इज़रायली नागरिकों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। इसी बीच, अडानी समूह के स्वामित्व वाले हाइफा पोर्ट को लेकर फैली मिसाइल हमले की अफवाहों पर विराम लगाते हुए आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया कि पोर्ट पूरी तरह सुरक्षित और कार्यरत है।
तनाव की पृष्ठभूमि:
पिछले सप्ताह तेल अवीव द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद ईरान ने शनिवार देर रात जवाबी कार्रवाई में इज़राइल के हाइफा बंदरगाह और एक तेल रिफाइनरी को निशाना बनाया। यह हमला बैलिस्टिक मिसाइलों के माध्यम से किया गया।
मध्यस्थता विफल:
कतर और ओमान ने ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध विराम के लिए मध्यस्थता की पहल की थी। लेकिन ईरानी विदेश मंत्रालय ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
ईरान का कहना है: "जब तक इज़राइली सेना की ओर से हमले जारी हैं, तब तक किसी भी सीजफायर पर चर्चा का कोई औचित्य नहीं है।" इस बयान से स्पष्ट है कि ईरान युद्ध विराम के लिए अभी तैयार नहीं है, और संघर्ष जारी रह सकता है।
मानव क्षति:
अब तक के संघर्ष में ईरान में 224 नागरिकों की मौत इज़राइल में लगभग 10 नागरिक मृत और 100 से अधिक घायल हैं। इज़राइल के उत्तरी हिस्सों में कई रिहायशी क्षेत्रों में आंशिक नुकसान हुआ है।
हाइफा पोर्ट पर स्थिति स्पष्ट:
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि ईरानी हमले में अडानी समूह के हाइफा पोर्ट को क्षति पहुँची है। हालाँकि, आधिकारिक सूत्रों और एजेंसी रिपोर्ट्स ने इस खबर का खंडन करते हुए कहा: "हाइफा पोर्ट को कोई नुकसान नहीं हुआ है। सभी संचालन सामान्य रूप से चल रहे हैं।" यह स्पष्ट करता है कि अडानी समूह की ओर से किसी प्रकार की वाणिज्यिक या परिचालन हानि नहीं हुई है।
इस संघर्ष ने मध्य पूर्व की भू-राजनीति को पुनः अशांत कर दिया है। ओमान और कतर जैसे देशों की शांतिदूत भूमिका इस बार विफल रही है, जो संकेत देती है कि क्षेत्रीय तनाव जल्द नहीं थमेगा। गलत सूचना फैलाने के मामले में हाइफा पोर्ट का उदाहरण बताता है कि संकट की घड़ी में सूचनाओं की प्रमाणिकता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
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