हंडिया थाने में 'तालिबानी शासन': भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के गंभीर आरोप
प्रयागराज, हंडिया थाना क्षेत्र में पुलिस प्रशासन पर भ्रष्टाचार, उगाही और नागरिकों के उत्पीड़न के गंभीर आरोप लग रहे हैं। स्थानीय निवासी सुशील कुमार पाण्डेय ने हंडिया थाना प्रभारी ब्रज किशोर गौतम, पूर्व थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार दूबे, सहायक आयुक्त हंडिया पंकज लवानिया और उपायुक्त गंगानगर अभिषेक भारती पर 'तालिबानी शासन' चलाने का आरोप लगाया है।
प्रयागराज, हंडिया थाना क्षेत्र में पुलिस प्रशासन पर भ्रष्टाचार, उगाही और नागरिकों के उत्पीड़न के गंभीर आरोप लग रहे हैं। स्थानीय निवासी सुशील कुमार पाण्डेय ने हंडिया थाना प्रभारी ब्रज किशोर गौतम, पूर्व थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार दूबे, सहायक आयुक्त हंडिया पंकज लवानिया और उपायुक्त गंगानगर अभिषेक भारती पर 'तालिबानी शासन' चलाने का आरोप लगाया है। सुशील का दावा है कि पुलिस न केवल अपराधियों को संरक्षण दे रही है, बल्कि पीड़ितों से एफआईआर दर्ज करने के लिए मोटी रकम की उगाही भी करना चाह रही है।
सुशील पाण्डेय की आपबीती: सुशील पाण्डेय ने बताया कि हंडिया थाना प्रभारी ब्रज किशोर गौतम ने उनके भाई मनोज पाण्डेय से एफआईआर दर्ज करने के लिए 50,000 रुपये की माँग की। मना करने पर उनके परिवार पर हमले करवाए गए और धमकियाँ दी गईं। सुशील का कहना है कि 13 अगस्त 2024 को उनके घर पर अपराधियों ने हमला किया, जिसमें पुलिस की संलिप्तता थी। इससे पहले 16, फरवरी, 25 फरवरी, 21 मार्च 2024 को भी उनके परिवार पर जानलेवा हमला हुआ, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सुशील ने दावा किया कि वह 2007 से किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को एक पैसा नहीं दे रहे हैं और न ही अब देंगे, चाहे पुलिस कितना भी जुल्म ढाए।
पुलिस पर तालिबानी रवैये का आरोप: सुशील ने हंडिया थाने की कार्यशैली को तालिबानी करार देते हुए कहा कि यहाँ अपराधियों को संरक्षण दिया जाता है, जबकि पीड़ितों को धमकाया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रज किशोर गौतम ने उनके परिवार को गाड़ी से कुचलने, उनके भाई मनोज कुमार पाण्डेय के इमामगंज स्थित रेडीमेड की दुकान में गांजा, हेरोइन, अवैध हथियार रखवाकर पूरे परिवार को जेल में सड़ाकर मार डालने और सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारने की धमकी दी। इसके अलावा, थाने में उनकी माँ और बहन को अपमानजनक गालियाँ दी और उनकी दिव्यांग माँ को कानी कहकर अपमानित किया। सुशील ने पुलिस की इस हरकत को संविधान और लोकतंत्र का अपमान बताया। आगे यह भी बताया कि उन्होंने साक्ष्यों के साथ सभी घटनाओं की लिखित सूचना पुलिस प्रशासन में बैठे उच्चाधिकारियों को दी, जिसके बाद से मेरे परिवार के ऊपर पुलिस आरोपियों से सांठ-गांठ करके और हमले करवाना शुरू कर दी।
आमरण अनशन की माँग: पुलिस के आरोपियों से सांठ-गांठ कर परिवार को परेशान करने के खिलाफ कार्रवाई की माँग को लेकर सुशील पाण्डेय ने 13 अगस्त 2024 को पुलिस से आमरण अनशन की अनुमति माँगी थी, लेकिन पुलिस ने इसे स्वीकार नहीं किया। इससे पहले उन्होंने 29 मार्च 2024 को भी उनकी अनशन की माँग को ठुकरा दिया गया था। सुशील का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और इसके लिए लोकायुक्त या सीबीआई जाँच की माँग करेंगे।
पुलिस की चुप्पी: इस मामले में ब्रज किशोर गौतम, पंकज लवानिया, अभिषेक भारती और अन्य नामजद पुलिस अधिकारियों से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सुशील ने दावा किया कि पुलिस ने उनके नंबर को ब्लॉक कर रखा है।
नागरिकों में आक्रोश: हंडिया के निवासियों में पुलिस की कार्यशैली को लेकर भारी नाराजगी है। सुशील ने प्रयागराज आयुक्त तरुण गाबा से हस्तक्षेप की माँग की है और कहा है कि अगर भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा, तो जनता सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने कहा कि हंडिया की पुलिस लूटपाट और छिनैती में लिप्त है, जो उत्तर प्रदेश की पुलिस की छवि को धूमिल कर रही है।
माँगें और सवाल: सुशील ने पुलिस प्रशासन पर कई सवाल उठाए हैं:
1. हंडिया थाने में उगाही और भ्रष्टाचार कब रुकेगा?
2. अपराधियों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?
3. पीड़ितों की शिकायतों को अनसुना क्यों किया जा रहा है?
4. क्या पुलिस का यह रवैया संविधान और लोकतंत्र का अपमान नहीं है?
आगे की राह: सुशील ने 24 अगस्त 2024 को एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है और कहा है कि वह हंडिया पुलिस के खिलाफ अपनी लड़ाई को कश्मीर से कन्याकुमारी तक ले जाएँगे। उन्होंने योगी सरकार से माँग की है कि हंडिया जैसे थानों और प्रयागराज के उच्च अधिकारियों की जाँच कर भ्रष्ट अधिकारियों को सजा दी जाए।
(नोट: यह रिपोर्ट सुशील पाण्डेय के बयानों और उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। पुलिस पक्ष की ओर से कोई जानकारी मिलने पर उसे अगले संस्करण में शामिल किया जाएगा।)
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