अपराधियों का यार : हत्यारा हंडिया थाना प्रभारी बृज किशोर गौतम

 आरोपी महेश पाण्डेय का 16 फरवरी 2024 की रात लगभग10 बजे धमकी  मनोज पाण्डेय को पूरे परिवार के साथ जान से मारने की धमकी का ऑडियो ट्रांसक्रिप्ट

Feb 16, 2024 - 21:58
Mar 30, 2025 - 12:04
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आरोपी महेश पाण्डेय : ज्ञान, ज्ञान, ज्ञान, ज्ञान। स्पीकर चालू कर ले, स्पीकर चालू कर ले। स्पीकर चालू कर ले।

मनोज पाण्डेय : स्पीकर काहे चालू कर लेई।

आरोपी महेश पाण्डेय : स्पीकर चालू कर ले। सारा रुपया-पैसा धरा का धरा रह जाएगा। हमार बर्बाद होए  तो तोहई बर्बाद करई में हमई एक सेकंड न लागे।

मनोज पाण्डेय : ठीक बा न, जब तू धमकी दे थय;

आरोपी महेश पाण्डेय :  तू सोच ले धय कि इ चीज़ बा तब हमई तोहार ऐसी-तैसी करई में एक मिनट न लागे, अगर हम आपन बर्बादी कई के घरे आए तो हम एक न देखब कि तोहार बर्बादी हमें कैसे करेई  के बा?

मनोज पाण्डेय : तब कई ल बर्बादी।  

आरोपी महेश पाण्डेय :  तोहर रुपया क पैसा धरा क धरा रही जाए, तोहरे घरे में मातम छाये। तुम्हारे घर में मातम छाये और दूनउ एक आँखी वाली देखिही खाली।  जवन चमैनी की कोखी तोनहन पैदा भ हय। खाली एक आँखी देखबे।

मनोज पाण्डेय : थोड़ा जवान सीधा कई के बोलअ। 

आरोपी महेश पाण्डेय :  एक आँखी देखबे। हम देखाउब, हम देखाउब।

मनोज पाण्डेय : जवान सीधा कई के थोड़ा बोलअ। 

आरोपी महेश पाण्डेय : हम देखाउब। हम अगर, हम यह रिसी घरे चला आये न त, त तोंहन क जितना- जितना तमाशा बा न तोंहन क तहसील से लेइके, दुनियादारी से लईके, सारी रूपया-पैसा धरा क धरा रही जाए। हमार दुई लाख रुपया तोर महतारी लिहेबा, असिल क रुपियहा है त देते काहे नाही। तोर जगह जमीन हड़पे हई हम। 

मनोज पाण्डेय : कब्ज़ा किहे हय।

आरोपी महेश पाण्डेय : कौन कब्जा किहे हई मादरचोद। का कब्ज़ा किहा तोर।

मनोज पाण्डेय : हमारा कब्जा किहे हय, तोर-तोर मत कहअ। 

आरोपी महेश पाण्डेय : दोई लाख रुपया दीहे हई।  

मनोज पाण्डेय : लिखे हय,अपने भाभी क बनवाए हय।

आरोपी महेश पाण्डेय : हम बनवाए हई अपने भाभी क, तोर महतारी बनवाएस। तोर  म्हतारी बनवाएस  

मनोज पाण्डेय :  म्हातारी बनवाएस?

आरोपी महेश पाण्डेय : तई हमरे परिवार के लईके जौन उड़ रहा हए  लेके जो उड़ रहा है ना, तोर सारी दुनियादारी हम आए के बाद हम खत्म कई देब।

मनोज पाण्डेय : तू आई जा न।  

आरोपी महेश पाण्डेय : सारी दुनियादारी आई के बाद हम खत्म कई देब।

मनोज पाण्डेय : एकदम खत्म कई द।

आरोपी महेश पाण्डेय : तई  जवन चाह ध ए महाभारत होई, महाभारत हम कई के छोड़ब हम।  

मनोज पाण्डेय : ठीक बा न।

आरोपी महेश पाण्डेय : तोरे घरे में महाभारत करब न हम।  

मनोज पाण्डेय : ठीक बा न। तू आवअ मर्डर कई द न आवअ।  

आरोपी महेश पाण्डेय : तई हमरे परिवार के ऊपर हमला करबे हम देखब।

 मनोज पाण्डेय : तू मर्डर कई द न आवअ। तू मर्डर कई द न आवअ।   

आरोपी महेश पाण्डेय : तई एक आखी क लई क महतारी बाप तई तमाशा कई रहा हए।  

मनोज पाण्डेय : थोड़ा जवान सीधा कई ल अ। 

आरोपी महेश पाण्डेय : तोहार बाप जौने दिन पैदा भ रहा उही दिन महतारी मर गई रही। और तोर महतारी कौने कोखे पैदा भई बा तोके मालूम बा?

मनोज पाण्डेय : थोड़ा जवान सीधा कई ल अ। 

आरोपी महेश पाण्डेय : तोर महतारी कौने कोखे पैदा भई बा तोके मालूम बा?

मनोज पाण्डेय : ठीक बा, ठीक बा तू मर्डर करअ छोड़अ।

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सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I