वक्फ कानून के विरोध के दौरान मुर्शिदाबाद में 3 की मौत

भीड़ ने बाप-बेटे को पीट-पीटकर मार डाला; कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश- सेंट्रल फोर्स तैनात करें

Apr 12, 2025 - 22:18
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वक्फ कानून के विरोध के दौरान मुर्शिदाबाद में 3 की मौत

कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश: पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में केंद्रीय बल तैनात
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया। यह फैसला विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर आया। वक्फ कानून के विरोध में 10 अप्रैल से राज्य में हिंसा जारी है।

मुर्शिदाबाद में फिर हिंसा, पिता-पुत्र की हत्या: मुर्शिदाबाद के धुलियान (शमशेरगंज ब्लॉक) में शनिवार को हिंसक भीड़ ने पिता हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी। दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। गोलीबारी में एक अन्य व्यक्ति घायल हुआ। शुक्रवार को भी धुलियान में हुई हिंसा में एक व्यक्ति घायल हुआ था, जिसकी शनिवार को अस्पताल में मौत हो गई। अब तक मुर्शिदाबाद में हिंसा से तीन लोगों की जान जा चुकी है। प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

पुलिस का बयान: ADG (लॉ एंड ऑर्डर) जावेद शमीम ने बताया कि शनिवार की घटना का पूरा ब्योरा अभी नहीं मिला है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, पुलिस ने गोली नहीं चलाई, संभवतः BSF ने फायरिंग की। घायल व्यक्ति खतरे से बाहर हैं और अब तक 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

ममता बनर्जी की अपील: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं होगा। उन्होंने केंद्र सरकार से जवाब मांगने की सलाह देते हुए कहा, “शांति बनाए रखें, सबकी जान कीमती है। राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं।

कहाँ-कहाँ हुई हिंसा: 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद, मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली में हिंसा भड़की थी। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगाई, पुलिस पर पथराव और क्रूड बम फेंके। सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग पर पुलिस पर हमला हुआ, जिसमें 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने चार राउंड फायरिंग की, जिसमें दो लोग घायल हुए, जिनका इलाज चल रहा है।

राज्यपाल और गृह मंत्री की चर्चा: राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की। उन्होंने राज्य सरकार को मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण 24 परगना में उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। बोस ने कहा, “कानून को हाथ में नहीं लिया जा सकता। उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

सुवेंदु अधिकारी का आरोप: विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “बंगाल में अराजकता फैल रही है। कुछ कट्टरपंथी समूह संविधान और कानून का उल्लंघन कर हिंसा कर रहे हैं। आम लोग असुरक्षित हैं।

AIMPLB का वक्फ बचाव अभियान: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ कानून के विरोध में 87 दिन का आंदोलन शुरू किया। पहले चरण में 1 करोड़ हस्ताक्षर जुटाकर पीएम मोदी को सौंपे जाएंगे। बोर्ड इसे शाह बानो मामले (1985) जैसा जन आंदोलन बनाने की योजना बना रहा है। AIMPLB की महिला विंग महिलाओं को जागरूक करेगी। बोर्ड ने समुदाय से संयम बरतने की अपील की।

AIMPLB का सरकार पर हमला: AIMPLB महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन वक्फ संपत्तियों की रक्षा और विधेयक को निरस्त करने के लिए है, जिसे वे शरीयत, धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान के खिलाफ मानते हैं। आंदोलन को वक्फ बचाओ, संविधान बचाओनाम दिया गया है और इसे तब तक चलाने का ऐलान किया गया है, जब तक विधेयक रद्द नहीं होता।

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