डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: एक वैज्ञानिक, एक राष्ट्रपति, और एक सच्चा भारतीय

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के महानतम वैज्ञानिकों, शिक्षकों और राष्ट्रनिर्माताओं में से एक थे। उन्होंने मिसाइल तकनीक, परमाणु परीक्षण, अंतरिक्ष विज्ञान, और शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया। भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में वे ‘जनता के राष्ट्रपति’ कहलाए और जीवनभर युवाओं को प्रेरित करते रहे। उनकी पुण्यतिथि, 27 जुलाई, एक ऐसा अवसर है जब राष्ट्र उन्हें न केवल याद करता है बल्कि उनके सपनों को साकार करने का संकल्प भी दोहराता है। उनकी पुस्तकें, विचार और दृष्टि आज भी युवाओं के लिए मार्गदर्शक हैं।

Jul 28, 2025 - 08:55
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डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: एक वैज्ञानिक, एक राष्ट्रपति, और एक सच्चा भारतीय
डॉ. कलाम की पुण्यतिथि 27 जुलाई पर विशेष स्मरण

"सपना वो नहीं जो आप नींद में देखें, सपना वो है जो आपको नींद नहीं आने दे" डॉ. कलाम

27 जुलाई को देश एक ऐसे महान सपूत को याद करता है, जो न केवल भारत के मिसाइल मैन के रूप में विख्यात हुए, बल्कि एक ऐसे राष्ट्रपिता-तुल्य राष्ट्रपति भी बने जिनका हर शब्द युवाओं के लिए प्रेरणा था, हर कार्य वैज्ञानिक सोच का प्रतीक और जिनका हर सपना भारत को महान बनाने की दिशा में समर्पित था।

डॉ. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम, एक नाम नहीं, बल्कि एक युग, एक विचार, एक ऊर्जा का स्रोत थे। उनकी पुण्यतिथि केवल स्मरण नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आत्मनिरीक्षण और संकल्प का अवसर है।

वो मछुआरे का बेटा, जो भारत का रॉकेट बना

तमिलनाडु के रामेश्वरम में 15 अक्टूबर 1931 को जन्मे डॉ. कलाम का जीवन एक संघर्षशील निम्नवर्गीय परिवेश से शुरू हुआ। एक समय था जब वे अख़बार बाँटते थे, और एक समय वह भी आया जब वे भारत के राष्ट्रपति भवन में बैठकर वैज्ञानिक सोच को राष्ट्र की रीढ़ बना रहे थे। उनकी शिक्षा विज्ञान और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग से जुड़ी रही, और उन्होंने DRDO और ISRO में रहते हुए भारत को सशक्त सैन्य और अंतरिक्ष शक्ति बनाने में ऐतिहासिक योगदान दिया।

भारत के मिसाइल मैनकी वैज्ञानिक क्रांति

डॉ. कलाम ने भारत को परमाणु और मिसाइल शक्ति बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई:

 SLV-III के निर्माण में प्रमुख भूमिका भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान

 IGMDP (Integrated Guided Missile Development Program) के तहत अग्नि, पृथ्वी, त्रिशूल और नाग मिसाइलों का विकास

पोखरण-II (1998) परमाणु परीक्षण में तकनीकी नेतृत्व भारत को वैश्विक मंच पर सशक्त परमाणु राष्ट्र बनाना

उनकी यह भूमिका उन्हें मिसाइल मैन ऑफ इंडियाकी उपाधि दिलाने के लिए पर्याप्त थी, लेकिन कलाम साहब की महानता केवल यहीं तक सीमित नहीं रही।

जनता का राष्ट्रपति: एक वैज्ञानिक का संवैधानिक अवतार

डॉ. कलाम ने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में सेवा की।

लेकिन वे केवल एक संवैधानिक पदाधिकारी नहीं थे वे एक ‘People’s President’ बन गए। उन्होंने राष्ट्रपति भवन को जनता से जोड़ा, छात्रों को चिट्ठियों के जवाब दिए, और हरेक सार्वजनिक मंच पर युवाओं को यह संदेश दिया: “Great dreams of great dreamers are always transcended.” उन्होंने सत्ता को वैज्ञानिक सोच से जोड़ा और देश को प्रौद्योगिकी, शिक्षा, आत्मनिर्भरता और चरित्र निर्माण का संदेश दिया।

कलाम: जो कलम से भी उतने ही प्रभावशाली थे जितना विज्ञान से

डॉ. कलाम एक असाधारण लेखक भी थे। उनकी पुस्तकें आज भी लाखों युवाओं को दिशा देती हैं:

 Wings of Fire – आत्मकथा, जो लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है

 Ignited Minds, India 2020, Turning Points – भारत को वैश्विक नेतृत्व के लिए प्रेरित करने वाले दस्तावेज

 Transcendence – आध्यात्मिकता और विज्ञान के अद्भुत समन्वय का गहरा अनुभव

उन्होंने बताया कि आत्मा, विज्ञान और समाज तीनों को जोड़कर ही राष्ट्र की उन्नति संभव है।

शिक्षक: अंत तक एक विद्यार्थी के दिल में बसने वाला नाम

डॉ. कलाम ने अपने जीवन का अंतिम क्षण भी शिक्षा को समर्पित करते हुए बिताया। 27 जुलाई 2015 को शिलॉन्ग के IIM में व्याख्यान देते हुए उनका निधन हुआ। उनकी अंतिम पंक्ति थी:

"Funny guy! Are you doing well?"

 (व्याख्यान से पहले एक छात्र से बातचीत करते हुए)

वे उस दिन भी ज्ञान बाँटते हुएइस संसार से विदा हुए, यही एक सच्चे शिक्षक की पहचान है।

कलाम का भारत एक सपना जो आज भी प्रेरित करता है

डॉ. कलाम का सपना था – 'India as a Developed Nation by 2020'

उनके विचार, लक्ष्य और मूल्य आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं:

 युवाओं में नेतृत्व क्षमता विकसित करना

 शिक्षा को शोध और नवाचार से जोड़ना

 धर्म और विज्ञान के बीच सेतु बनाना

 भारत को नैतिक, आत्मनिर्भर और सामर्थ्यवान बनाना

उनकी पुण्यतिथि पर राष्ट्र का प्रण

आज जब हम डॉ. कलाम को उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण करते हैं, तो यह केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत और सामूहिक संकल्प का क्षण है कि हम:

 अपने जीवन में ईमानदारी, परिश्रम और सेवा भावना को अपनाएँ

 विज्ञान और शिक्षा को राष्ट्र निर्माण के मूल में रखें

 और उनके सपनों के भारत को वास्तविकता में बदलने के लिए कार्य करें

"जब आप विफल होते हैं, तो हार न मानें। F.A.I.L. का मतलब है – First Attempt In Learning." डॉ. कलाम ने न केवल भारत को नई ऊँचाइयाँ दीं, बल्कि प्रत्येक भारतीय को यह यकीन दिलाया कि सपनों का कोई धर्म, जाति, पंथ नहीं होता, वे बस एक लक्ष्य होते हैं, जिन्हें पूरा करना राष्ट्रधर्म है।

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सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I