Heart Failure के ये 7 संकेत कभी न करें नजरअंदाज, चुपचाप बढ़ सकता है खतरा, जानें कैसे बचें?
हार्ट फेल्योर एक ऐसी अवस्था है जब हृदय शरीर को आवश्यक मात्रा में रक्त पंप करने में असमर्थ हो जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित होती है और इसके लक्षण कई बार सामान्य लगते हैं, लेकिन नजरअंदाज करने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है।

हार्ट फेल्योर एक ऐसी अवस्था है जब हृदय शरीर को आवश्यक मात्रा में रक्त पंप करने में असमर्थ हो जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित होती है और इसके लक्षण कई बार सामान्य लगते हैं, लेकिन नजरअंदाज करने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। साँस फूलना, सूजन, थकान, और धड़कनों में अनियमितता जैसे संकेत इस 'साइलेंट किलर' की ओर इशारा करते हैं। यहां जानिए हार्ट फेल्योर के प्रकार, शुरुआती लक्षण, खतरे के कारण और बचाव के उपाय।
क्या है हार्ट फेल्योर?
हार्ट फेल्योर (Heart Failure) तब होता है जब दिल की मांसपेशियाँ शरीर की जरूरत के मुताबिक पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पातीं। इसका अर्थ यह नहीं कि दिल पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है, बल्कि यह अपनी क्षमता खोने लगता है। परिणामस्वरूप शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे अनेक स्वास्थ्य समस्याएँ जन्म लेती हैं।
हार्ट फेल्योर के प्रकार (Types of Heart Failure):
1. Left-Sided Heart Failure (बाएँ भाग का फेल्योर):
यह सबसे आम प्रकार है, जिसमें फेफड़ों में तरल भरने से साँस लेने में परेशानी होती है।
2. Right-Sided Heart Failure (दाएँ भाग का फेल्योर):
इसमें शरीर के निचले हिस्सों जैसे टखनों, पैरों, पेट और लीवर में सूजन हो जाती है।
3. Congestive Heart Failure (कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर):
यह अवस्था आमतौर पर दोनों हिस्सों के फेल्योर से जुड़ी होती है, जिससे शरीर में तरल भर जाता है।
हार्ट फेल्योर के खामोश लेकिन खतरनाक लक्षण:
1. साँस फूलना - खासकर चलते समय, लेटते समय या रात में नींद के दौरान।
2. लगातार थकान और कमजोरी – हलकी गतिविधियों में भी ऊर्जा की कमी।
3. पैरों, टखनों और पेट में सूजन – शरीर में लिक्विड जमा होने के कारण।
4. तेज़ या अनियमित धड़कनें – दिल की धड़कन असामान्य लगना।
5. खांसी या सफेद/गुलाबी बलगम – फेफड़ों में तरल जमा होने का संकेत।
6. भूख कम लगना, मतली और अचानक वजन बढ़ना – सूजन की वजह से।
7. रात में बार-बार पेशाब आना, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, भ्रम की स्थिति – ब्लड फ्लो की कमी का असर।
हार्ट फेल्योर के जोखिम कारक (Risk Factors):
उम्र 65+ वर्ष
हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension)
डायबिटीज़
धूम्रपान और तंबाकू का सेवन
अत्यधिक मोटापा
परिवार में हृदय रोग का इतिहास
बचाव के उपाय (Prevention Tips):
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ
नियमित व्यायाम करें
नमक और तले भोजन का सेवन कम करें
तनाव को नियंत्रित रखें
नियमित जाँच कराते रहें, खासकर यदि जोखिम कारक मौजूद हों
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