उत्तर प्रदेश के बलिया में हिंसक घटना: 20 हथियारबंद बदमाशों ने परिवार पर बोला हमला, पिता का अपहरण
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक बार फिर कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े हो गए हैं। एक ताजा और दिल दहला देने वाली घटना में, 20 से अधिक हथियारबंद बदमाशों ने रात 2 बजे मृत्युंजय तिवारी के घर पर धावा बोल दिया। इस हमले में बदमाशों ने मृत्युंजय के पिता अजय तिवारी का अपहरण कर लिया और परिवार के साथ मारपीट की।

बलिया, 04 मई 2025 : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक बार फिर कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े हो गए हैं। एक ताजा और दिल दहला देने वाली घटना में, 20 से अधिक हथियारबंद बदमाशों ने रात 2 बजे मृत्युंजय तिवारी के घर पर धावा बोल दिया। इस हमले में बदमाशों ने मृत्युंजय के पिता अजय तिवारी का अपहरण कर लिया और परिवार के साथ मारपीट की। इस दौरान घर की महिलाओं, बहन, बेटी और माताओं के साथ भी अभद्रता की गई।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शुभम शुक्ला (@ShubhamShuklaMP) द्वारा साझा किए गए एक पोस्ट में इस घटना का जिक्र करते हुए स्थानीय प्रशासन और लोकतंत्र की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। मृत्युंजय तिवारी ने मीडिया से बातचीत में दबाव में आकर कहा, "हम केस वापस ले लेंगे साहेब, बस मेरे पिता जी वापस आ जाएं। हम नहीं करेंगे इन पर केस, वापस ले लेंगे।" यह बयान भय और दबाव के उस माहौल को दर्शाता है, जिसमें पीड़ित परिवार को अपराधियों के सामने झुकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
क्षेत्र में अराजकता का माहौल यह घटना बलिया के सुखपुरा थाना क्षेत्र के घोसवती गाँव की बताई जा रही है। पोस्ट में आरोप लगाया गया है कि चंद्रमा यादव और उनके सहयोगियों ने इस हमले को अंजाम दिया, जिसमें मृत्युंजय और उनके परिवार को निशाना बनाया गया। कुछ लोगों ने इस घटना के पीछे स्थानीय सपा सांसद के संरक्षण का भी आरोप लगाया है। शुभम शुक्ला ने अपनी पोस्ट में इसे "शर्मसार करने वाला दृश्य" करार देते हुए लिखा, "ऐसी गुंडागर्दी? एक गरीब व्यक्ति गुंडों के डर से केस वापस लेने को बोल रहा है? ये कैसा लोकतंत्र है?"
बलिया में बढ़ते अपराध के मामले बलिया जिला हाल के दिनों में अपराध के लिए हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। मार्च 2025 में हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक कक्षा 10 की छात्रा का अपहरण हुआ था, जो क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों का संकेत देता है। इसके अलावा, एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में 17 वर्षीय रागिनी दुबे की हत्या का उल्लेख है, जिसमें उसे स्कूल जाते समय एक गिरोह ने निशाना बनाया था। रागिनी महीनों से उत्पीड़न का शिकार थी और आखिरकार उसकी हत्या कर दी गई। इन घटनाओं ने बलिया में कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति को उजागर किया है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं शुभम शुक्ला की इस पोस्ट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ यूजर्स ने ब्राह्मण समुदाय पर हो रहे अत्याचारों की ओर इशारा करते हुए इसे सामुदायिक हिंसा का रूप दिया, वहीं अन्य ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, "कहाँ मर गए लोकतंत्र की दुहाई देने वाले? क्या ब्राह्मण होना पाप हो गया है?" वहीं, कुछ लोगों ने इस घटना को यादव समुदाय से जोड़ते हुए इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की।
कानून-व्यवस्था पर सवाल यह घटना उत्तर प्रदेश में शासन और सुरक्षा के प्रणालीगत मुद्दों को रेखांकित करती है। बलिया में हाल के दिनों में अपराध की बढ़ती घटनाएं, खासकर महिलाओं और कमजोर वर्गों के खिलाफ हिंसा, स्थानीय प्रशासन की विफलता को दर्शाती हैं। फरवरी 2025 में ईटीवी भारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, बलिया के खरिद गाँव में एक जमीन विवाद में दो लोगों की हत्या कर दी गई थी, जो इस क्षेत्र में तनाव और हिंसा की स्थिति को दर्शाता है।
आगे की माँग इस घटना के बाद लोगों ने पुलिस और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की माँग की है। मृत्युंजय तिवारी के पिता अजय तिवारी को सुरक्षित वापस लाने और दोषियों को सजा दिलाने की माँग तेज हो रही है। यह घटना न केवल बलिया, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
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