यूपी पुलिस में अनुशासनहीनता और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई के आदेश, डीजीपी ने दिए कड़े निर्देश
उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता, लापरवाही, शस्त्र-कारतूसों के रख-रखाव में कोताही और ड्यूटी में पक्षपात जैसी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अब ड्यूटी में लापरवाही या अनुशासनहीनता के मामलों में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पुलिस लाइंस की सुविधाओं की नियमित जांच, परेड में शत-प्रतिशत उपस्थिति और शस्त्रों-कारतूसों का नियमित मिलान अनिवार्य किया गया है। इस कदम को पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता और अनुशासन लाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में अनुशासनहीनता और लापरवाही के मामलों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों और पुलिस कमिश्नरों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि यदि कोई पुलिसकर्मी ड्यूटी में लापरवाही, अनुशासनहीनता, शस्त्र-कारतूसों के रख-रखाव में कोताही या ड्यूटी लगाने में पक्षपात जैसी गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।
प्रमुख बिंदु:
- शासन ने पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता, असलहों की चोरी, रख-रखाव में लापरवाही, और परेड में अफसरों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया है।
- डीजीपी ने निर्देश दिए हैं कि वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीनस्थों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करें, जिससे अनुशासनहीनता की घटनाएं रोकी जा सकें।
- शुक्रवार को होने वाली परेड में सभी पुलिसकर्मियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी।
- परेड के बाद पुलिस लाइन परिसर, परिवहन शाखा, कल्याण केंद्र, बिजली-पानी, आवासीय व्यवस्था आदि की नियमित जांच अनिवार्य होगी।
- ड्यूटी लगाने में पक्षपात न हो, इसके लिए ड्यूटी रजिस्टर की समय-समय पर जांच की जाएगी।
- शस्त्र और कारतूसों का नियमित मिलान व निरीक्षण किया जाएगा, और खराबी पाए जाने पर संबंधित कर्मी पर कार्रवाई होगी।
- हर महीने पुलिसकर्मियों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, ताकि उनकी समस्याओं का समय रहते समाधान हो सके।
डीजीपी का रुख:
डीजीपी ने साफ कहा है कि अनुशासनहीनता, लापरवाही या पक्षपात जैसे मामलों में किसी भी स्तर पर कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस बल की छवि और कार्यक्षमता बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है। शासन की सख्ती के बाद डीजीपी द्वारा यह निर्देश पुलिस महकमे में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
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