ट्रंप प्रशासन ने स्मार्टफोन और कंप्यूटर को टैरिफ से दी छूट

ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार में हलचल मचा दी है, लेकिन स्मार्टफोन और कंप्यूटर को छूट देकर उपभोक्ताओं को राहत दी गई है। भारत की मदद से Apple जैसे ब्रांड्स को फायदा हुआ है, जबकि चीन और ताइवान जैसे देश अपनी रणनीतियां बना रहे हैं। ट्रंप प्रशासन द्वारा चीनी आयात पर लगाए गए 145% शुल्क पर चीन का अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी 125% टैरिफ लागू हो गया है।

Apr 12, 2025 - 23:08
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ट्रंप प्रशासन ने स्मार्टफोन और कंप्यूटर को टैरिफ से दी छूट
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फोटो सोर्स: रॉयटर्स

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति चर्चा में है। ट्रंप प्रशासन ने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स को नए टैरिफ से छूट देने की घोषणा की है, जिसमें चीन से आयात पर लगने वाला 125% शुल्क भी शामिल है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सीमा शुल्क विभाग ने शुक्रवार देर रात यह फैसला लिया ताकि लोकप्रिय इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतों में वृद्धि को रोका जा सके।

 

Apple और Samsung की चिंताओं का असर: यह निर्णय Apple और Samsung जैसी टेक कंपनियों की चिंताओं के बाद आया, जिन्हें डर था कि चीन में निर्मित उनके गैजेट्स की वैश्विक कीमतें बढ़ सकती हैं। छूट में सेमीकंडक्टर, सोलर सेल, मेमोरी कार्ड और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है।

 

चीन का जवाबी टैरिफ और WTO में शिकायत: शनिवार से चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 125% का जवाबी टैरिफ लागू किया, जो ट्रंप प्रशासन के चीनी आयात पर 145% शुल्क से थोड़ा कम है। बीजिंग ने ट्रंप की टैरिफ नीति को 'संख्याओं का खेल' और 'मजाक' करार देते हुए इसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) में चुनौती दी है। चीन का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ से उसका आयात अब आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है और वह भविष्य के जवाबी टैरिफ को नजरअंदाज करेगा।

 

भारत की मदद से Apple को 5000 करोड़ की बचत: टैरिफ के दबाव के बीच भारत ने Apple के लिए राहत का काम किया। भारत में iPhone निर्माण को बढ़ावा देने से Apple को करीब 5000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। यह भारत की मैन्युफैक्चरिंग नीतियों और ट्रंप के टैरिफ से बचने की रणनीति का नतीजा है।

बाजार में उथल-पुथल, ताइवान की वार्ता: ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया कि उनकी नीतियां सफल हैं, लेकिन वैश्विक शेयर बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है। सोने की कीमतों में उछाल और अमेरिकी बॉन्ड्स में गिरावट देखी गई। इस बीच, ताइवान ने शनिवार को अमेरिका के साथ पहली औपचारिक टैरिफ वार्ता की पुष्टि की। ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने कहा कि वे 10% टैरिफ को शून्य करने की उम्मीद करते हैं। वार्ता में रेसिप्रोकल टैरिफ, गैर-टैरिफ बाधाएं और हाई-टेक निर्यात नियंत्रण जैसे मुद्दे शामिल थे। ताइवान का अमेरिका के साथ 2024 में 73.9 बिलियन डॉलर का व्यापार अधिशेष था, जिसमें 60% हिस्सा सेमीकंडक्टर जैसे आईसीटी उत्पादों का था, जो अभी टैरिफ से मुक्त हैं।

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