अल्बर्ट आइंस्टीन और उनकी सादगी

सोशल दुनिया

Mar 27, 2025 - 21:49
Mar 29, 2025 - 22:21
 0
अल्बर्ट आइंस्टीन और उनकी सादगी

(1)

अल्बर्ट आइंस्टीन की पत्नी अक्सर उन्हें सलाह देती थीं कि वह काम पर जाते समय अधिक प्रोफेशनल तरीके से कपड़े पहनें। आइंस्टीन हमेशा कहते, "क्यों पहनूंवहाँ सब मुझे जानते हैं।" लेकिन जब उन्हें पहली बार एक बड़े सम्मेलन में जाना थातो उनकी पत्नी ने उनसे थोड़ा सज-धजकर जाने का अनुरोध किया। इस पर आइंस्टीन बोले, "क्यों पहनूँवहाँ तो मुझे कोई नहीं जानता!"

(2)

आइंस्टीन से अक्सर सापेक्षता के सिद्धांत को समझाने के लिए कहा जाता था। एक बार उन्होंने समझाया, "अपना हाथ एक गर्म चूल्हे पर एक मिनट के लिए रखोतो वह एक घंटे जैसा महसूस होगा। एक खूबसूरत लड़की के साथ एक घंटे बैठोतो वह एक मिनट जैसा लगेगा। यही है सापेक्षता!"

(3)

जब अल्बर्ट आइंस्टीन प्रिंसटन विश्वविद्यालय में काम कर रहे थेतो एक दिन घर जाते समय उन्हें अपना घर का पता भूल गया। टैक्सी ड्राइवर ने उन्हें पहचाना नहीं। आइंस्टीन ने ड्राइवर से पूछा कि क्या वह आइंस्टीन का घर जानता है। ड्राइवर ने कहा, "आइंस्टीन का पता कौन नहीं जानताप्रिंसटन में हर कोई जानता है। क्या आप उनसे मिलना चाहते हैं?" आइंस्टीन ने उत्तर दिया, "मैं ही आइंस्टीन हूं। मैं अपना घर का पता भूल गया हूँक्या आप मुझे वहाँ पहुँचा सकते हैं?" ड्राइवर ने उन्हें उनके घर पहुँचा दिया और उनसे किराया भी नहीं लिया।

(4)

एक बार आइंस्टीन प्रिंसटन से ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। जब टिकट चेक करने वाला कंडक्टर उनके पास आयातो आइंस्टीन ने अपनी जैकेट की जेब में हाथ डालालेकिन टिकट नहीं मिला। फिर उन्होंने अपनी पैंट की जेबें देखींलेकिन वहाँ भी नहीं था। इसके बाद उन्होंने अपने ब्रीफकेस में देखालेकिन टिकट नहीं मिला। फिर उन्होंने अपनी सीट के पास देखालेकिन फिर भी टिकट नहीं मिला।

कंडक्टर ने कहा, "डॉ. आइंस्टीनहम जानते हैं कि आप कौन हैं। मुझे यकीन है कि आपने टिकट खरीदा है। चिंता मत कीजिए।" आइंस्टीन ने प्रशंसा में सिर हिला दिया। कंडक्टर आगे बढ़ गया। जब उसने दूसरी तरफ देखातो उसने देखा कि महान वैज्ञानिक नीचे झुककर सीट के नीचे टिकट खोज रहे थे।

कंडक्टर तुरंत लौट आया और कहा, "डॉ. आइंस्टीनचिंता मत कीजिए। मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं। आपको टिकट की आवश्यकता नहीं है। मुझे यकीन है कि आपने टिकट खरीदा है।" आइंस्टीन ने जवाब दिया, "युवा आदमीमैं भी जानता हूँ कि मैं कौन हूँ। पर मैं ये नहीं जानता कि मैं कहाँ जा रहा हूँ।" 

(5)

जब आइंस्टीन की मुलाकात चार्ली चैपलिन से हुई: आइंस्टीन  ने कहा, "आपकी कला में जो मुझे सबसे अधिक प्रभावित करता हैवह उसकी सार्वभौमिकता है। आप एक शब्द नहीं कहतेफिर भी दुनिया आपको समझती है।"

इस पर चार्ली चैपलिन ने उत्तर दिया,

"यह सच हैलेकिन आपकी प्रसिद्धि तो इससे भी बड़ी है। दुनिया आपकी प्रशंसा करती हैजबकि कोई आपको समझता नहीं।"

 स्रोत : फेसबुक वाल

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I