इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: फोटो आइडेंटिफिकेशन के लिए कोई शुल्क नहीं, बार एसोसिएशनों की अवैध वसूली पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि कोर्ट में दाखिल हलफनामों के फोटो आइडेंटिफिकेशन के लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। कोर्ट ने बार एसोसिएशनों द्वारा वसूले जा रहे शुल्क को अवैध और संविधान में दिए गए न्याय तक पहुँच के अधिकार के खिलाफ बताया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नोटरी पब्लिक द्वारा शपथबद्ध हलफनामे पूरी तरह वैध हैं और इन्हें अस्वीकार नहीं किया जा सकता। यदि कोई बार एसोसिएशन या फोटो आइडेंटिफिकेशन केंद्र इन निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने डिजिटल सत्यापन प्रणाली लागू करने पर भी विचार करने का निर्देश दिया है।

May 22, 2025 - 08:38
 0
इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: फोटो आइडेंटिफिकेशन के लिए कोई शुल्क नहीं, बार एसोसिएशनों की अवैध वसूली पर रोक
न्यायाधीश पंकज भाटिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक आदेश में स्पष्ट किया है कि हलफनामों के फोटो आइडेंटिफिकेशन के लिए याचिकाकर्ताओं या अधिवक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने रिट-सी संख्या 3389/2025 (मेसर्स राजधानी इंटर स्टेट ट्रांसपोर्ट कंपनी बनाम राज्य उत्तर प्रदेश) में यह आदेश पारित करते हुए बार एसोसिएशनों द्वारा वसूले जा रहे शुल्क को गैरकानूनी और संविधान के तहत न्याय तक पहुँच के अधिकार का उल्लंघन बताया।

याचिकाकर्ता ने न केवल नोटरी पब्लिक के समक्ष शपथबद्ध हलफनामों को अस्वीकार करने की प्रक्रिया को चुनौती दी, बल्कि ₹400-₹500 तक वसूले जा रहे फोटो आइडेंटिफिकेशन शुल्क को भी अवैध ठहराया। कोर्ट को बताया गया कि पूर्व में भी डिवीजन बेंच द्वारा इस शुल्क पर रोक लगाई जा चुकी थी, फिर भी यह प्रथा जारी थी। कोर्ट ने कहा कि कल्याणकारी उपायों को हलफनामों से जोड़ना अवैध है और स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में फोटो आइडेंटिफिकेशन के लिए कोई राशि न ली जाए।

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पूरे भारत में नोटरी पब्लिक के समक्ष शपथबद्ध हलफनामों के साथ दायर याचिकाएं, आवेदन व अपील बिना आपत्ति के स्वीकार की जाएं। यदि निर्देशों का उल्लंघन हुआ, तो संबंधित बार एसोसिएशनों और फोटो आइडेंटिफिकेशन केंद्रों के विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही की जाएगी। साथ ही, कोर्ट ने डिजिटल सत्यापन प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव पर विचार हेतु मामला मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखने का आदेश भी दिया।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

सुशील कुमार पाण्डेय मैं, अपने देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की यात्रा पर हूँ, यही मेरी पहचान है I