रिंकू सिंह की कहानी साहस, दृढ़ता और ईमानदारी का जीवंत उदाहरण
एक आईएएस अधिकारी के रूप में, वह भ्रष्टाचार के खिलाफ और मजबूती से लड़ने को तैयार। रिंकू कहते हैं कि छात्रवृत्ति ने उनकी पढ़ाई पूरी करने में मदद की थी, और यही कारण था कि उन्होंने घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करना चाहता है।

रिंकू सिंह राही की कहानी साहस, दृढ़ता और ईमानदारी का जीवंत उदाहरण है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के डोरी नगर में एक साधारण परिवार में जन्मे रिंकू के पिता शिवदान सिंह आटा चक्की चलाते थे। आर्थिक तंगी के बावजूद, रिंकू ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की, बी.टेक पूरा किया और 2004 में यूपीपीसीएस परीक्षा पास कर 2008 में प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) अधिकारी बने।
2008 में मुजफ्फरनगर में जिला समाज कल्याण अधिकारी के रूप में तैनाती के दौरान, रिंकू ने छात्रवृत्ति घोटाले में लगभग 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी का पर्दाफाश किया। इस ईमानदारी की कीमत उन्हें भारी चुकानी पड़ी। 28 फरवरी 2009 को, बैडमिंटन खेलते समय उन पर माफिया ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। सात गोलियां उनके शरीर को भेद गईं, जिनमें से कुछ सिर और चेहरे पर लगीं। इस हमले में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई, चेहरा क्षत-विक्षत हो गया, और जबड़ा क्षतिग्रस्त हो गया। चार महीने तक वह जिंदगी और मौत से जूझते रहे।
लेकिन रिंकू ने हार नहीं मानी। अस्पताल से ठीक होने के बाद, उन्होंने सिस्टम के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी। हापुड़ में समाज कल्याण अधिकारी और राजकीय आईएएस-पीसीएस कोचिंग सेंटर के निदेशक के रूप में काम करते हुए, उन्होंने 300 से अधिक छात्रों को सरकारी नौकरी दिलाने में मदद की। इस बीच, अपनी जिद और मेहनत से उन्होंने 2021 में अपने 16वें प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और 683वीं रैंक हासिल कर आईएएस बन गए। उनकी उम्र तब 40 वर्ष थी, और दिव्यांगता के कारण उन्हें अतिरिक्त प्रयास की अनुमति मिली थी।
2023 में, रिंकू को उसी मुजफ्फरनगर जिले में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया, जहां उन्होंने गोलियां खाई थीं। अब, एक आईएएस अधिकारी के रूप में, वह भ्रष्टाचार के खिलाफ और मजबूती से लड़ने को तैयार हैं। रिंकू कहते हैं कि छात्रवृत्ति ने उनकी पढ़ाई पूरी करने में मदद की थी, और यही कारण था कि उन्होंने घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करना चाहता है।
What's Your Reaction?






