AI स्वास्थ्य क्रांति: चीन की रफ्तार बनाम भारत की राह
चीन में वर्चुअल AI डॉक्टरों द्वारा संचालित अस्पताल स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं, जबकि भारत में AI का उपयोग अभी सहायक भूमिका में है, जैसे - निदान, मेडिकल इमेजिंग, टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ डेटा प्रबंधन। भारत तकनीकी, नीति, डेटा और बुनियादी ढाँचे के मामले में चीन से पीछे है, लेकिन आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी पहलों से तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत को AI आधारित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नीति, निवेश, डेटा सुरक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल पहुँच को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि वह वैश्विक स्वास्थ्य तकनीक की दौड़ में अग्रणी बन सके।

चीन ने हाल ही में चिकित्सा जगत में एक ऐतिहासिक छलांग लगाई है। त्सिंगहुआ यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित 'एजेंट हॉस्पिटल' जैसे वर्चुअल AI अस्पतालों में 14 AI डॉक्टर और 4 AI नर्स रोज़ाना हज़ारों मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जिनकी सटीकता अमेरिकी मेडिकल लाइसेंसिंग परीक्षा में 93% से अधिक आंकी गई है। यह अस्पताल न केवल निदान और उपचार में, बल्कि मेडिकल प्रोसेस को तेज, कुशल और सुलभ बनाने में भी क्रांतिकारी साबित हो रहा है। चीन में स्वास्थ्य सेवा के इस डिजिटल मॉडल में रोबोटिक्स, बिग डेटा और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का गहरा समावेश है, जिससे डॉक्टरों का बोझ कम हुआ है और मरीजों को 24x7 गुणवत्तापूर्ण देखभाल मिल रही है।
भारत में AI स्वास्थ्य सेवाओं का वर्तमान स्वरूप
भारत में भी AI का स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रवेश तेजी से हो रहा है, लेकिन इसका स्वरूप अभी सहायक और पूरक है।
- निदान और रोग पहचान: AIIMS का iOncology.ai कैंसर की पहचान में मदद करता है।
- मेडिकल इमेजिंग: कई स्टार्टअप्स और अस्पताल AI आधारित इमेज एनालिसिस से हृदय, फेफड़े और अन्य रोगों की पहचान कर रहे हैं।
- टेलीमेडिसिन व पहनने योग्य उपकरण: SAANS प्रणाली नवजात शिशुओं की सांस संबंधी समस्याओं में सहायता करती है, जबकि बीट O ग्लूकोमीटर डायबिटीज़ प्रबंधन में AI का उपयोग करता है।
- डिजिटल स्वास्थ्य: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM), डिजिटल हेल्थ ID और स्वास्थ्य डेटा प्रबंधन में AI का उपयोग बढ़ रहा है।
भारत और चीन की तुलना
पहलू |
चीन |
भारत |
तकनीकी प्रगति |
पूरी तरह AI संचालित वर्चुअल अस्पताल, रोबोटिक सर्जरी, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर |
सहायक AI टूल्स, टेलीमेडिसिन, इमेज एनालिसिस, डेटा प्रबंधन |
नीति व निवेश |
केंद्रित नीति, बड़े पैमाने पर सरकारी निवेश, तेज़ कार्यान्वयन |
नीति निर्माण जारी, पायलट प्रोजेक्ट्स, सीमित निवेश |
डेटा उपलब्धता |
विशाल हेल्थ डेटा, केंद्रीकृत सिस्टम |
डेटा विविधता, गोपनीयता व सुरक्षा की चिंता |
ग्रामीण-शहरी अंतर |
तकनीक का व्यापक प्रसार |
ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी पहुँच सीमित |
डॉक्टर उपलब्धता |
AI से डॉक्टरों की कमी की भरपाई |
डॉक्टरों की कमी, AI से आंशिक मदद |
प्रमुख चुनौतियाँ
भारत में AI हेल्थकेयर के समक्ष कई चुनौतियाँ हैं:
- डेटा पूर्वाग्रह व गुणवत्ता: विविध भाषाएँ, असंगठित डेटा और गोपनीयता की चिंता।
- बुनियादी ढाँचा: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट, बिजली और डिजिटल साक्षरता की कमी।
- नियामकीय स्पष्टता: AI आधारित निदान और उपचार के लिए स्पष्ट कानूनी दिशा-निर्देशों का अभाव।
- मानव संसाधन: प्रशिक्षित डॉक्टरों और तकनीकी स्टाफ की कमी।
- सुरक्षा व नैतिकता: मरीजों की जानकारी की सुरक्षा और AI के नैतिक उपयोग पर सवाल।
नीति और भविष्य की दिशा
सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, डिजिटल स्वास्थ्य स्टैक, और AI स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी जैसी पहलें शुरू की हैं। डेटा सुरक्षा कानून और नैतिक दिशा-निर्देशों पर भी काम हो रहा है। लेकिन इन पहलों को जमीनी स्तर तक पहुँचाने, ग्रामीण-शहरी खाई पाटने, और हेल्थकेयर डेटा की गुणवत्ता सुधारने की आवश्यकता है।
भारत के लिए आगे का रास्ता
भारत को AI आधारित स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी और सुरक्षित एकीकरण के लिए निम्न क्षेत्रों को प्राथमिकता देनी चाहिए:
- सशक्त नीति और निवेश: चीन की तरह केंद्रित रणनीति और बड़े पैमाने पर निवेश।
- डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर: उच्च गुणवत्ता वाला, सुरक्षित और विविधतापूर्ण हेल्थ डेटा।
- ग्रामीण स्वास्थ्य पर फोकस: डिजिटल साक्षरता, इंटरनेट और AI टूल्स की पहुँच।
- नैतिकता और सुरक्षा: मरीजों की गोपनीयता व AI के जिम्मेदार उपयोग के लिए ठोस कानून।
- मानव-AI सहयोग: AI को डॉक्टरों का पूरक बनाना, न कि प्रतिस्थापन।
चीन की आक्रामक प्रगति से भारत को सीखने और अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने का अवसर है। AI का समावेश यदि सही दिशा, नीति और जनहित के साथ किया जाए, तो भारत भी स्वास्थ्य सेवाओं के इस नए युग में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
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