फोनपे की फिनटेक क्रांति: अब IPO के ज़रिए 1.5 अरब डॉलर की छलांग
फोनपे, भारत का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म, अगस्त तक अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल करने की तैयारी कर रहा है। इस IPO से कंपनी $1.5 बिलियन (लगभग ₹13,000 करोड़) जुटाने का लक्ष्य रखती है और इसका वैल्यूएशन $15 बिलियन तक पहुँच सकता है। फोनपे ने अपने IPO के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन, सिटी और मॉर्गन स्टेनली जैसी प्रमुख वैश्विक और घरेलू बैंकों को नियुक्त किया है।

फोनपे, भारत का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म, अब अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) की तैयारी के अंतिम चरण में पहुँच चुका है। कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन चेस, सिटीग्रुप और मॉर्गन स्टेनली जैसी दुनिया की प्रमुख निवेश बैंकिंग फर्मों को लीड मैनेजर नियुक्त किया है। यह आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़े फिनटेक डेब्यू में से एक होगा।
फोनपे इस आईपीओ के जरिए करीब 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 13,000 करोड़ रुपये) जुटाने का लक्ष्य रखता है। इसके साथ ही, कंपनी की वैल्यूएशन 15 बिलियन डॉलर (लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये) तक पहुँ चने की उम्मीद है। फोनपे ने अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) अगस्त 2025 तक सेबी के साथ फाइल करने की योजना बनाई है।
मुख्य बिंदु:
- IPO का आकार: $1.5 बिलियन (लगभग ₹13,000 करोड़)
- वैल्यूएशन: $15 बिलियन
- DRHP फाइलिंग: अगस्त 2025 तक की जाने की योजना
- प्रमुख बैंक्स: कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन, सिटी, मॉर्गन स्टेनली
- यूजर्स और मर्चेंट्स: 600 मिलियन से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स, 40 मिलियन से अधिक मर्चेंट्स
- ट्रांजैक्शन: 310 मिलियन से अधिक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन प्रतिदिन
- मालिकाना: वॉलमार्ट समर्थित, भारत में रिडोमिसाइल्ड
- उपयोग: UPI, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, लेंडिंग सहित कई वित्तीय सेवाएँ
फोनपे की स्थापना 2015 में सामीर निगम, राहुल चारी और बुर्जिन इंजीनियर ने की थी। 2016 में इसे फ्लिपकार्ट ने अधिग्रहित कर लिया और 2018 में वॉलमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के बाद यह वॉलमार्ट की भारतीय पोर्टफोलियो का हिस्सा बन गया। 2023 में फोनपे ने फ्लिपकार्ट से पूर्ण रूप से अलग होकर अपना डोमिसाइल सिंगापुर से भारत में स्थानांतरित कर लिया, जिससे भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
फोनपे के पास 600 मिलियन से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स और 40 मिलियन से अधिक मर्चेंट्स हैं। कंपनी प्रतिदिन 310 मिलियन से अधिक ऑनलाइन लेनदेन प्रोसेस करती है, जिससे यह भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) इकोसिस्टम का अग्रणी प्लेयर है। फोनपे अब सिर्फ डिजिटल पेमेंट्स तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, लेंडिंग जैसी वित्तीय सेवाएँ भी प्रदान करता है।
फोनपे के सीईओ सामीर निगम ने कहा है कि कंपनी का कोर पेमेंट्स बिजनेस अब परिपक्वता और मार्केट लीडरशिप हासिल कर चुका है, और अब यह नए बिजनेस लाइन्स में विस्तार करने के लिए तैयार है। निगम के अनुसार, सूचीबद्ध होना सिर्फ एक वित्तीय निर्णय नहीं है, बल्कि यह कंपनी की विश्वसनीयता को रेगुलेटर्स, निवेशकों और यूजर्स के सामने बढ़ाता है। आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी अपने वित्तीय सेवाओं के विस्तार, मौजूदा बिजनेस को मजबूत करने और रणनीतिक अधिग्रहणों के लिए करेगी।
फोनपे की यह आईपीओ भारतीय फिनटेक और डिजिटल पेमेंट्स सेक्टर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। इससे निवेशकों को भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम में भागीदार बनने का मौका मिलेगा और फोनपे को अपने विकास को और गति देने में मदद मिलेगी।
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