रूस-यूक्रेन युद्ध शांति प्रयास : ट्रंप की मध्यस्थता और यूरोपीय नेताओं की कीव यात्रा

रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास जारी हैं, लेकिन फिलहाल कोई ठोस सफलता नहीं दिख रही है। ट्रंप की मध्यस्थता, यूरोपीय नेताओं की सक्रियता और यूक्रेन की जमीनी हकीकत-तीनों मिलकर एक जटिल कूटनीतिक परिदृश्य बना रहे हैं, जिसमें शांति की राह अब भी मुश्किल नजर आ रही है।

May 10, 2025 - 19:48
May 10, 2025 - 19:50
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रूस-यूक्रेन युद्ध शांति प्रयास : ट्रंप की मध्यस्थता और यूरोपीय नेताओं की कीव यात्रा
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्कीऔर यूरोपीय नेता

मुख्य बिंदु

·         यूक्रेन और उसके सहयोगियों ने रूस के साथ 30 दिनों के बिना शर्त युद्धविराम का प्रस्ताव रखा है, लेकिन रूस ने इसे ठुकरा दिया है।

·         अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति वार्ता में सक्रिय भूमिका, लेकिन उनके प्रयासों में सफलता नहीं मिली है।

·         यूरोप के चार प्रमुख नेताओं (फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड, ब्रिटेन) ने पहली बार एक साथ कीव पहुँचकर यूक्रेन के समर्थन का संदेश दिया।

·         यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का स्पष्ट बयान: रूस के कब्जाए गए क्षेत्रों को छोड़ने पर कोई चर्चा नहीं होगी, लेकिन अमेरिका के साथ खनिज समझौते के लिए तैयार हैं।

युद्धविराम और शांति वार्ता की स्थिति

रूस-यूक्रेन युद्ध अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। हाल ही में यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने 30 दिनों के लिए बिना शर्त युद्धविराम का प्रस्ताव रखा, ताकि शांति वार्ता को आगे बढ़ाया जा सके। हालांकि, रूस ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि इससे यूक्रेन को सैन्य बढ़त मिल सकती है, जबकि रूस की सेना 'विश्वास के साथ' आगे बढ़ रही है। रूस ने अपनी ओर से 8 से 11 मई तक 72 घंटे का एकतरफा युद्धविराम घोषित किया, जिसे यूक्रेन ने 'नाटक' और 'फार्स' करार दिया, क्योंकि इस दौरान सैकड़ों बार संघर्षविराम का उल्लंघन हुआ।

अमेरिका और ट्रंप की भूमिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए कई बार मध्यस्थता की पेशकश की है। ट्रंप ने रूस और यूक्रेन दोनों को 30 दिन के युद्धविराम का पालन करने की चेतावनी दी और उल्लंघन पर कड़े प्रतिबंध लगाने की बात कही। ट्रंप का मानना है कि रूस के साथ डील करना यूक्रेन की तुलना में आसान है, और वे पुतिन पर भरोसा जताते हैं। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य और खुफिया मदद पर रोक लगा दी है ताकि कीव पर वार्ता का दबाव बनाया जा सके।

ट्रंप की लगातार कोशिशों के बावजूद शांति वार्ता में कोई ठोस सफलता नहीं मिली है, जिससे उनकी हताशा भी सामने आई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के अनुसार, अगर जल्द ही कोई प्रगति नहीं हुई तो ट्रंप शांति प्रयासों से पीछे हट सकते हैं।

यूरोपीय नेताओं की ऐतिहासिक कीव यात्रा

फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड और ब्रिटेन के नेताओं ने एक साथ कीव जाकर यूक्रेन के प्रति एकजुटता दिखाई। इस यात्रा के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की, युद्ध में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और यूक्रेन की सुरक्षा व पुनर्निर्माण के लिए सहयोग का वादा किया। यह यात्रा ऐसे समय हुई जब अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं और यूरोपीय संघ अपनी सुरक्षा नीति को लेकर नए विकल्प तलाश रहा है।

यूक्रेन का रुख और आगे की राह

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि रूस के कब्जाए गए क्षेत्रों को छोड़ने पर कोई चर्चा नहीं होगी। हालांकि, वे अमेरिका के साथ खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं और अमेरिका द्वारा दिए गए समर्थन के लिए आभार भी जताया। जेलेंस्की और ट्रंप के बीच हाल ही में तीखी बहस भी हुई, जिसमें ट्रंप ने यूक्रेन को चेतावनी दी कि अगर वह पश्चिमी सुरक्षा गारंटी पर अड़ा रहा तो अमेरिका मदद बंद कर सकता है।

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