हिस्ट्रीशीटर के घर देर रात दबिश देना निजता का उल्लंघन: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह आदेश नागरिकों के निजता अधिकार की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अब पुलिस को हिस्ट्रीशीटर के घर देर रात दबिश देने से पहले कानूनी प्रक्रिया और समय का पालन करना अनिवार्य होगा, जिससे नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो सकेगी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए स्पष्ट किया है कि हिस्ट्रीशीटर के घर देर रात दबिश देना उसके निजता के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने पुलिस की इस मनमानी पर रोक लगाने के साथ ही राज्य सरकार, पुलिस कमिश्नर प्रयागराज और संबंधित थाने के प्रभारी को नोटिस जारी किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति जे.जे. मुनिर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने प्रयागराज निवासी समुंदर पांडेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
आदेश का विस्तृत विवरण
1. याचिका का मूल विषय
- याचिकाकर्ता समुंदर पांडेय ने अपनी हिस्ट्रीशीट खोले जाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
- याचिका में आरोप था कि पुलिस देर रात घर में घुसकर उन्हें और उनके परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है और बेवजह थाने ले जाकर परेशान कर रही है।
2. कोर्ट की टिप्पणी
- कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के चर्चित फैसले खड़क सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस हिस्ट्रीशीटर के घर देर रात दबिश नहीं दे सकती, क्योंकि यह निजता के अधिकार का घोर उल्लंघन है।
- कोर्ट ने कहा, "पुलिस की यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त निजता के अधिकार का उल्लंघन है।"
- कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि बिना उचित कारण के रात में किसी हिस्ट्रीशीटर के घर दबिश न दी जाए।
3. पुलिस की कार्यप्रणाली पर फटकार
- कोर्ट ने पुलिस की मनमानी और असमय दबिश पर सख्त टिप्पणी की।
- कोर्ट ने कहा कि पुलिस मनमाने तरीके से देर रात किसी के घर नहीं जा सकती, भले ही वह हिस्ट्रीशीटर ही क्यों न हो।
- कोर्ट ने पुलिस को रात में 'असमय' घरों का दौरा करने से रोक दिया है।
4. नोटिस और अनुपालन
- राज्य सरकार, पुलिस कमिश्नर प्रयागराज और संबंधित थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
- कोर्ट ने रजिस्ट्रार अनुपालन को निर्देश दिया है कि 48 घंटे के भीतर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इलाहाबाद के माध्यम से आदेश की सूचना प्रयागराज के पुलिस आयुक्त को दी जाए।
- मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
कानूनी और सामाजिक महत्व
- इस आदेश के बाद पुलिस को अब हिस्ट्रीशीटर के घर देर रात दबिश देने से पहले ठोस कारण और प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा।
- कोर्ट ने साफ किया कि निजता का अधिकार हर नागरिक को है, चाहे वह हिस्ट्रीशीटर हो या कोई और।
- यह फैसला पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और नागरिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह आदेश न केवल पुलिस की मनमानी पर रोक लगाता है, बल्कि नागरिकों के निजता के अधिकार की रक्षा को भी मजबूत करता है। अब पुलिस को हिस्ट्रीशीटर के घर देर रात दबिश देने से पहले कानूनी प्रक्रिया और समय का पालन करना अनिवार्य होगा, जिससे आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो सकेगी।
What's Your Reaction?






